संसद में ब्रेग्जिट (BREXIT) पर करारी हार के बाद प्रधानमंत्री थेरेसा मे (Theresa May) के खिलाफ विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव नामंजूर हो गया है. थेरेसा मे के लिए यह राहत की खबर है. बीबीसी के मुताबिक, विपक्षी लेबर पार्टी के अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 306 वोट पड़े हैं, जबकि विरोध में 325. थेरेसा मे के लिए यह राहत की खबर है और उनकी सरकार गिरने का खतरा टल गया है.
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यूरोपीय यूनियन से ब्रिटेन को अलग करने वाले प्रधानमंत्री थेरेसा मे के प्रस्ताव पर मंगलवार को संसद के निचले सदन हाउस ऑफ कॉमन्स में वोटिंग हुई थी, जिसमें थेरेसा मे के समझौते के पक्ष में 202 वोट और विरोध में 432 वोट पड़े थे. यहां तक कि उनकी अपनी कंजर्वेटिव पार्टी के 118 सांसदों ने भी उनके प्रस्ताव को खारिज कर दिया था. इसके बाद विपक्षी लेबर पार्टी थेरेसा मे सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाई थी, जिस पर भारतीय समयानुसार बुधवार देर रात वोटिंग हुई. वोटिंग में थेरेसा मे के समर्थन में 325 सांसद तो विरोध में 306 सांसदों ने वोटिंग की. इस तरह थेरेसा मे सरकार का संकट टल गया.
ब्रेक्ज़िट पर ब्रिटेन में क्यों मचा है बवाल?
'ब्रेक्ज़िट' दो शब्दों 'ब्रिटेन' व 'एक्ज़िट' से मिलकर बना है. ब्रिटेन में इस मुद्दे को लेकर दो धड़े हैं. एक गुट EU यानी यूरोपियन यूनियन में बने रहना चाहता है, जिसे 'रीमेन' कहा जाता है. वहीं दूसरा गुट यूरोपियन यूनियन से अलग होने की वकालत करता है. इन्हें 'लीव' कहा जाता है. 'लीव' गुट की दलील है कि ब्रिटेन की पहचान, आज़ादी और संस्कृति को बचाए रखने के लिए ऐसा करना ज़रूरी है. वहीं यह गुट ब्रिटेन में आने वाले प्रवासियों का भी विरोध करते हैं. उनका कहना है कि यूरोपियन यूनियन ब्रिटेन के करदाताओं के अरबों पाउंड सोख लेता है, और ब्रिटेन पर अपने 'अलोकतांत्रिक' कानून थोपता है.
Source : News Nation Bureau