अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर का कहना है कि इराक से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने के संबंध में कोई फैसला नहीं हुआ है. बता दें कि अमेरिकी सेना ने हाल ही में इराकी अधिकारियों को लिखे एक पत्र में कहा था कि अमेरिकी सैनिक 'आगे की तैयारियों के लिए' दूसरी जगह स्थानांतरित होंगे. आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय गठबंधन के तहत इराक में करीब 5,000 अमेरिकी सैनिक मौजूद हैं.
इराकी संसद ने देश में अमेरिकी सैनिकों को रुकने की अनुमति देने वाले समझौते को रद्द करने वाला एक प्रस्ताव रविवार को पारित किया. इराकी संसद ने बगदाद में ईरान के शीर्ष सैन्य कमांडर मेजर जनरल कासिम सुलेमानी की अमेरिकी ड्रोन हमले में हुई मौत के बाद यह प्रस्ताव पारित किया है. सुलेमानी को निशाना बनाकर शुक्रवार को किए गए ड्रोन हमले का आदेश अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दिया था.
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शुक्रवार को हुए इस हमले में इराक के अर्द्धसैनिक बल हशीद अल-शाबी के उपप्रमुख अबु महदी अल-मुहान्दिस भी मारे गए थे. सोमवार को मीडिया में जारी पत्र में मरीन कोर के ब्रिगेडियर जनरल विलियम एच. सीली ने कहा है कि अमेरिकी बल 'हमें वापस भेजने के आपके सम्प्रभू फैसले का सम्मान करते हैं.' सीली ने कहा कि अमेरिका नीत गठबंधन बलों का स्थानांतरण करेगा और अमेरिकी सैनिक आगे की कार्रवाई के लिए नयी जगह पर जाएंगे.
पत्र में कहा गया है, 'ऐसा करने के लिए गठबंधन सेना को कुछ कदम उठाने होंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इराक से सभी सैनिक सुरक्षित और प्रभावी तरीके से बाहर जा सकें.' हालांकि, पत्र के मीडिया में आने के कुछ ही देर बाद रक्षा मंत्री एस्पर ने कहा कि इराक से वापसी पर कोई फैसला नहीं हुआ है. उन्होंने सोमवार को कहा, 'अभी इराक से वापसी पर कोई फैसला नहीं हुआ है. वापसी पर कोई फैसला नहीं हुआ है और नाहीं हमने वापसी की कोई योजना जारी की है और नाहीं वापसी की तैयारी कर रहे हैं.'
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एस्पर ने कहा कि अमेरिका इराक और आसपास के क्षेत्रों में इस्लामिक स्टेट समूह को हराने की अपनी प्रतिबद्धता पर कायम है. ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के चेयरमैन जनरल मार्क मिली ने अनौपचारिक बातचीत में संवाददाताओं से कहा कि पत्र में गलत तरीके से वापसी की बात कही गई है और वह 'गलती' से भेजा गया है.
Source : Bhasha