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'अगला नोबल शांति पुरस्कार लश्कर और हुर्रियत आतंकियों को मिल सकता है, जानिए कैसे'

मधु किश्वर ने कहा कि जो संस्थाएं नोबेल पुरस्कारों की घोषणा करती हैं, उनकी फंडिंग आतंक को बढ़ाने वाले देशों से होती है. ऐसे में कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि आने वाले सालों में आतंकियों को भी शांति का नोबेल पुरस्कार दे दिया जाए.

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Nihar Saxena
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'अगला नोबल शांति पुरस्कार लश्कर और हुर्रियत आतंकियों को मिल सकता है, जानिए कैसे'

चिंतक और लेखिका मधु किश्वर ने साधा नोबेल चयन प्रक्रिया पर निशाना.( Photo Credit : (फाइल फोटो))

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इस साल अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार के लिए भारतीय-अमेरिकी अभिजीत बनर्जी के चयन पर भारत में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने में आ रही हैं. कांग्रेस ने जहां अभिजीत बनर्जी के बयानों को आधार पर बनाकर मोदी 2.0 सरकार पर बड़ा हमला बोला है. वहीं मोदी समर्थकों ने भी उलट वार करते हुए अभिजीत बनर्जी की निष्ठा और नोबेल के लिए चयन पर सवाल खड़ा किया है. सबसे बड़ा हमला चिंतक और लेखिका मधु किश्वर ने बोला है. उन्होंने कहा कि जो संस्थाएं नोबेल पुरस्कारों की घोषणा करती हैं, उनकी फंडिंग आतंक को बढ़ाने वाले देशों से होती है. ऐसे में कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि आने वाले सालों में आतंकियों को भी शांति का नोबेल पुरस्कार दे दिया जाए.

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नोबेल की चयन प्रक्रिया पर सवाल
हालांकि मोदी सरकार के बचाव में इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च की चेयर पर्सन मधु किश्वर ने नोबेल पुरस्कारों की चयन प्रक्रिया पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. उन्होंने एक बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि नोबेल पुरस्कारों के पीछे काम करने वाली संस्था फोर्ड फॉउंडेशन का न सिर्फ सीआईए से संबंध है, बल्कि नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी सउदी अरब से वित्त पोषित अब्दुल लतीफ जमील पॉवर्टी एक्शन लैब के संस्थापक हैं. ऐसे में सऊदी का पैसा और फोर्ड फॉउंडेशन ही नोबेल के चयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

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कल को लश्कर औऱ हुर्रियत के आतंकी को मिलेगा शांति का नोबेल
यही नहीं, मधु किश्वर ने इस खुलासे के आधार पर यहां तक कह दिया है कि सऊदी और सीआईए के लिंक की वजह से कल को अगर हुर्रियत और लश्कर-ए-तैयबा को शांति के लिए नोबेल पुरस्कार मिल जाए तो बड़ी बात नहीं होगी. अर्थशास्त्र के लिए नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी समेत मधु किश्वर ने मैगसेसे विजेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इसमें घसीट लिया है. उन्होंने कहा कि यदि फोर्ड फॉउंडेशन दो हजार आरटीआई दाखिल कर अरिवंद केजरीवाल के लिए मैगसेसे खरीद सकता है तो अभिजीत बनर्जी को नोबेल मिलना कौन सी बड़ी बात है.

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अभिजीत बनर्जी ने मोदी सरकार पर साधा था निशाना
गौरतलब है कि संयुक्त रूप से अर्थशास्त्र का नोबेल पाने वाले भारतीय-अमेरिकी मूल के अभिजीत बनर्जी ने एक दिन पहले ही भारतीय अर्थव्यवस्था पर तीखी टिप्पणी की है. उन्होंने कहा था कि भारत सरकार द्वारा तेजी से समस्या की पहचान करने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था 'बहुत बुरा' प्रदर्शन कर रही है. उन्होंने कहा, 'हम जो तथ्य देख रहे हैं, उसके मुताबिक 2014-15 और 2017-18 के बीच आंकड़े थोड़े कम हुए हैं. ऐसा कई, कई, कई सालों में पहली बार हुआ है, तो यह एक बहुत ही बड़ी चेतावनी का संकेत है.' इस बयान को आधार बना कर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल ने मोदी सरकार पर बड़ हमला बोला था.

HIGHLIGHTS

  • मधु किश्वर ने नोबेल पुरस्कारों की चयन प्रक्रिया पर ही खड़े किए सवाल.
  • फोर्ड फॉउंडेशन और सऊद अरब के एनजीओ पर खड़े किए संदेह के सवाल.
  • कहा-कल को हुर्रियत और लश्कर के आतंकियों को मिल जाएगा शांति का नोबेल.
Lashkar E Taiba CIA Hurriyat Noble Prize Nobel Prize winner Abhijeet Banerjee Ford Foundation
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