उत्तर कोरिया ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि उसने एक हाइपरसोनिक मिसाइल का दूसरा सफल परीक्षण किया है. इससे कुछ दिन पहले देश के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन ने कोविड महामारी की दुश्वारियों के बीच सैन्य क्षमता को बढ़ाने का संकल्प लिया था. बुधवार को किया गया परीक्षण पिछले दो महीने में उत्तर कोरिया द्वारा किया गया पहला परीक्षण था. इससे संकेत मिलते हैं कि यह देश निरस्त्रीकरण की दिशा में बातचीत करने की बजाय अपने नाभिकीय और मिसाइल भंडार के आधुनिकीकरण की योजना पर जोर देगा.
आधिकारिक कोरियाई समाचार एजेंसी ‘केसीएनए’ ने बताया कि सत्ताधारी ‘वर्कर्स पार्टी’ ने मिसाइल परीक्षण के नतीजों पर संतोष व्यक्त किया है. अभी यह स्पष्ट नहीं है कि उत्तर कोरिया कितनी जल्दी इस प्रकार की उच्च तकनीक पर आधारित मिसाइलों का निर्माण करेगा, लेकिन यह मिसाइल उन जटिल सैन्य उपकरणों में से एक है जिनका किम ने पिछले साल खुलासा किया था.
ये मिसाइल अकादमी आफ डिफेंस साइंस द्वारा लान्च की गई. जानकारी के मुताबिक इस मिसाइल ने 700 किमी दूर अपने टार्गेट पर सटीक निशाना लगाया. इससे पहले ये करीब 120 किमी की ऊंचाई तक गई. इस परीक्षण की सफलता ने उत्तर कोरिया ने नए फ्यूल सिस्टम की विश्वसनीयता को साबित किया है. इससे पहले उत्तर कोरिया ने सितंबर को ह्वासांग-8 का परीक्षण किया था. एजेंसी ने ये भी कहा है कि इस परीक्षण से वैज्ञानिकों को हाइपरसोनिक मिसाइल सेक्टर में बड़ी सफलता हासिल हुई है.
इस टेस्ट ने एक बार फिर से कोरियाई प्रायद्वीप समेत समूचे इलाके की सुरक्षा पर एक संकट पैदा कर दिया है. इस टेस्ट को लेकर अमेरिका भी काफी बौखला गया है. इस टेस्ट की जानकारी मिलने के बाद अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने फोन पर जापान के विदेश मंत्री हयाशी योशीमाशा से बात की. उन्होंने उत्तर कोरिया द्वारा किए गए परीक्षण के मद्देनजर जापान की उनकी सुरक्षा का भरोसा भी दिलाया.
HIGHLIGHTS
- मिसाइल ने 700 किमी दूर टार्गेट पर साधा निशाना
- इससे पहले ये करीब 120 किमी की ऊंचाई तक गई
- सितंबर को ह्वासांग-8 का परीक्षण किया था