उत्तर कोरिया ने मंगलवार को दक्षिण कोरिया से लगी सीमा के उत्तर में स्थित अंतर-कोरियाई संपर्क कार्यालय की इमारत को ध्वस्त कर दिया जिसे उसका गुस्सा प्रदर्शित करने का सोचा-समझा कदम माना जा रहा है. इससे कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव बढ़ गया है तथा परमाणु कूटनीति में गतिरोध के बीच वाशिंगटन एवं सियोल पर दबाव बढ़ गया है. इमारत को ध्वस्त करना महज प्रतीकात्मक कदम है क्योंकि उत्तर कोरियाई क्षेत्र में स्थित इस दफ्तर में कोई दक्षिण कोरियाई नागरिक कार्यरत नहीं था.
लेकिन फिर भी यह, अमेरिका-उत्तर कोरिया में गतिरोध के बाद इस देश के 2018 में परमाणु कूटनीति अपनाने के बाद से, उसका सर्वाधिक उसकावे वाला कदम है. इससे, दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जेई-इन के अंतर-कोरियाई बातचीत बहाल करने के प्रयासों को, गंभीर झटका लगेगा. उत्तर कोरिया की आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) ने कहा कि उत्तर कोरिया ने ‘‘लोगों के मन में बसे मैल को निकालने के लिए और जिन लोगों ने इस मैल को आश्रय दिया है, उनके अपराधों की बड़ी कीमत चुकाने के मकसद से” इस कार्यालय को ध्वस्त किया है.
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एजेंसी का इशारा उन लोगों की तरफ था जो उत्तर कोरिया छोड़कर दूसरी तरफ चले गए हैं और सीमा पार से प्योंगयांग के खिलाफ गुब्बारों पर चिपकाकर पर्चे भेजते हैं. दक्षिण कोरिया के एकीकरण मंत्रालय ने कहा कि उत्तर कोरिया के सीमावर्ती कस्बे केसोंग में स्थित उस भवन को स्थानीय समयानुसार दोपहर दो बजकर 49 मिनट पर ध्वस्त कर दिया गया. हालांकि उसने इस बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी.
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समाचार एजेंसी योन्हाप की ओर से जारी तस्वीरों में भवन के एक परिसर से धुआं उठता दिख रहा है. एजेंसी ने कहा कि यह इलाका अब बंद हो चुके औद्योगिक पार्क का हिस्सा है. यहीं पर संपर्क कार्यालय स्थित है. केसीएनए ने भी इस बारे में विस्तृत ब्यौरा नहीं दिया है कि कार्यालय को ध्वस्त कैसे किया गया लेकिन कहा कि इसे “बड़े विस्फोट के साथ, बुरी तरह तबाह किया गया.”
अमेरिका से रियायत पाने में विफल रहने पर दक्षिण कोरिया पर दबाव बनाने का लंबा रिकॉर्ड रखने वाले उत्तर कोरिया ने हाल के हफ्तों में बार-बार दक्षिण कोरिया पर आक्रोश जाहिर किया है जिसने द्विपक्षीय संबंधों को मानने से इनकार किया है और दल बदलुओं एवं कार्यकर्ताओं द्वारा पर्चे भेजे जाने को रोकने में अक्षम रहा है.
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कार्यालय को ध्वस्त किए जाने से कुछ घंटे पहले उत्तर कोरिया की सेना ने उन क्षेत्रों में प्रवेश की चेतावनी दी थी जिनका अंतर-कोरियाई शांति समझौतों के तहत विसैन्यीकरण किया गया था. विशेषज्ञों का कहना है कि यह भूमि और समुद्री सीमाओं के पास दक्षिण कोरिया के लिए सुरक्षा के खतरे पैदा कर सकता है.
Source : Bhasha