उत्तर कोरिया के सनकी तानाशाह किम जोंग उन (Kim Jong Un) की हथियारों की सनक कम होने का नाम नहीं ले रही है. जिससे दुनिया पर तबाही का खतरा बढ़ गया है. दुनिया की चिंताओं से बेपरवाह उत्तर कोरिया (North Korea) ने एक बार फिर बैलिस्टिक मिसाइल (Ballistic Missile) का परीक्षण कर सीधे सीधे सुपरपावर अमेरिका (America) को चुनौती दी है. दक्षिण कोरियाई सेना के मुताबिक उत्तर कोरिया ने जापान के समुद्री तट के क़रीब पनडुब्बी से एक बैलिस्टिक मिसाइल दागी है. साउथ कोरियाई मिलिट्री के मुताबिक भारतीय समय के मुताबिक सुबह करीब 6 बजकर 45 मिनट पर इसे तब डिटेक्ट किया गया, जब इस मिसाइल को दक्षिण हामग्योंग प्रांत के सिनको के आसपास से पूरब की तरफ लॉन्च किया गया था. ये मिसाइल ईस्ट सी में गिरी, जिसे सी ऑफ़ जापान कहा जाता है.
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दक्षिण कोरियाई मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि दागी गई मिसाइल 60 किमी की अधिकतम ऊंचाई पर लगभग 450 किमी की दूरी तक गई. हालांकि अभी तक ये साफ नहीं हुआ है कि मिसाइल को पनडुब्बी से या पानी के नीचे के प्लेटफॉर्म से लॉन्च किया गया था. दावा किया जा रहा है कि ये वही मिसाइल है जिसकी तस्वीरें जनवरी महीने में रिलीज की गई थी और तब उत्तर कोरिया ने इसे दुनिया का सबसे ताकतवर हथियार बताया था. दक्षिण कोरिया और अमेरिका की एजेंसियां उत्तर कोरिया के मिसाइल टेस्ट का एनालिसिस कर रही हैं.
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जापान ने दो बैलिस्टिक मिसाइले दागी जाने की पुष्टि की है. जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने हाल के दिनों में नॉर्थ कोरिया की तरफ से किए जा रहे मिसाइल टेस्ट को अफसोसजनक बताया है. इस बीच उत्तर कोरिया के मिसाइल टेस्ट से जापान चौकन्ना हो गया है. जापानी कोस्ट गार्ड ने जहाजों के लिए मरीन सेफ्टी अलर्ट जारी किया है.
उत्तर कोरिया ने हाल के दिनों में मिसाइल टेस्ट की झड़ी लगा दी है. उसने ये भी दावा किया है कि इनमें से कुछ हाइपरसोनिक और लंबी दूरी की मिसाइलें हैं. हाल ही उत्तर कोरिया ने एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल का भी परीक्षण किया था. सतह से हवा में मार करने वाली ये मिसाइले दुश्मनों के एयरक्राफ्ट, ड्रोन और मिसाइल को तबाह करने में सक्षम मानी जाती हैं . करीब 6 महीने शांत रहने के बाद उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने तबाही का खेल सितंबर महीने में शुरु किया और फिर एक महीने के भीतर ताबड़तोड़ 4 मिसाइल टेस्ट कर दुनिया को सन्न कर दिया, जिसमें हाइपरसोनिक मिसाइल भी शामिल है. इस वजह से एक बार फिर कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव बढ़ गया है.
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रक्षा जानकारों के मुताबिक दनादन मिसाइल टेस्ट कर रहे उत्तर कोरिया के पास एक से बढ़कर एक विध्वंसक हथियारों का जखीरा है. KN-08 मिसाइल करीब 11500 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है. जबकि KN-14 मिसाइल करीब 10,000 किलोमीटर दूर बैठे टारगेट को तबाह कर सकता है. उत्तर कोरिया का ह्वासंग-14 मिसाइल 8,000 किलोमीटर तक दुश्मन को तबाह कर सकता है, तो ह्वासंग-12 मिसाइल 4,500 किलोमीटर तक निशाना लगा सकता है. नॉर्थ कोरिया के तरकश में शामिल मुसुडन मिसाइल की रेंज करीब 3500 किलोमीटर है, जबकि नोडोंग मिसाइल 1300 किलोमीटर दूर तक वार कर सकता है.
रक्षा जानकारों के मुताबिक उत्तर कोरिया के हालिया मिसाइल परीक्षणों से एक बात साफ हो चुकी है कि कठोर प्रतिबंधों के बावजूद उत्तर कोरिया हथियारों की होड़ को छोड़ नहीं रहा. माना जा रहा है कि इसके जरिए उत्तर कोरिया अपने पड़ोसी देश दक्षिण कोरिया पर दबाव बनाना चाहता है ताकि वो अमेरिका को आर्थिक प्रतिबंधो में ढील और अन्य रियायतें देने के लिए राजी कर पाए. उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने शांति स्थापित करने के लिए अक्टूबर के शुरू में दक्षिण कोरिया के साथ हॉटलाइन बहाल करने की इच्छा जाहिर की लेकिन उन्होंने बातचीत के अमेरिकी प्रस्ताव को ये कहकर फिर से ठुकरा दिया कि ये उत्तर कोरिया के खिलाफ दुश्मनी को छिपाने के लिए अमेरिका का कुटिल तरीका है.
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अब उत्तर कोरिया ने ऐसे वक्त में बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया है, जब कुछ घंटों पहले ही अमेरिका ने उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार कार्यक्रम पर कूटनीतिक बातचीत की पेशकश को दोहराया है. वाशिंगटन में दक्षिण कोरिया, अमेरिका और जापान के अधिकारी उत्तर कोरिया के साथ दोबारा बातचीत शुरू करने की कोशिशों पर चर्चा कर रहे हैं. तीनों देश चाहते हैं कि नॉर्थ कोरिया को मानवीय सहायता और अन्य प्रोत्साहनों के जरिए बातचीत के लिए राजी किया जाए.