उत्तर कोरिया ने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) सुरक्षा परिषद द्वारा अपने ऊपर लगाए गए नए प्रतिबंधों पर कड़ी निंदा की है। अंतरमहाद्विपीय बैलिस्टिक मिसाइल के लगातार परीक्षण के कारण लगाए गए यूएन के प्रतिबंध को उत्तर कोरिया ने 'एक्ट ऑफ वॉर' करार दिया है।
उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग से विदेश मंत्रालय ने कहा, 'हम हालिया यूएन के प्रतिबंधों को पूरी तरह नकारते हैं। हमारे राष्ट्र की सम्प्रभुता का हनन और एक एक्ट ऑफ वॉर है, जिसके कारण कोरियन प्रायद्वीप और एक बड़े क्षेत्र की शांति और स्थिरता को खत्म करती है।'
अमेरिका के द्वारा ड्राफ्ट किए गए प्रतिंबध की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सर्वसम्मति से पारित हुए प्रतिबंध के एक दिन बाद प्योंगयांग से यह प्रतिक्रिया आई है।
यूएन के इस प्रतिबंध से उत्तर कोरिया के लिए डीजल और केरोसिन सहित लगभग 90 प्रतिशत रिफाइंड पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात पर प्रतिबंध लगेगा।
अमेरिका द्वारा प्रस्तावित इस प्रतिबंध पर उत्तर कोरिया के मुख्य व्यापारिक सहयोगी चीन और रूस ने भी हस्ताक्षर किया है।
प्रस्ताव में विदेशों में काम कर रहे उत्तर कोरियाई श्रमिकों के 12 महीनों के अंदर स्वदेश में आगमन कराने की मांग भी शामिल है।
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इसके अलावा प्रतिंबध के प्रस्ताव में उत्तर कोरिया के लिए खाद्य उत्पादों, मशीनरी, लकड़ी, जहाजों सहित विद्युत उपकरण और पत्थर के निर्यात को रोकने की बात कही गई है।
तीन हफ्ते पहले उत्तर कोरिया द्वारा सबसे लंबे रेंज के अंतरमहाद्विपीय बैलिस्टिक मिसाइल लान्च परीक्षण किया गया था, जिसमें कहा गया था कि यह सभी बड़े अमेरिकी शहरों को तबाह करने में सक्षम है।
इसी चुनौती के बाद अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र में उत्तर कोरिया के ऊपर प्रतिबंध लगाने का ड्राफ्ट तैयार किया था।
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HIGHLIGHTS
- UN ने लगाया उत्तर कोरिया के लिए 90 प्रतिशत पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात पर प्रतिबंध
- अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र में उत्तर कोरिया के ऊपर प्रतिबंध लगाने का ड्राफ्ट तैयार किया था
- प्रतिबंध पर उत्तर कोरिया के मुख्य व्यापारिक सहयोगी चीन और रूस ने भी हस्ताक्षर किया
Source : News Nation Bureau