Advertisment

हाइड्रोजन बम क्या है और क्यों हिरोशिमा-नागासाकी पर अमेरिका के गिराए एमट बम से है ज्यादा खतरनाक

अमेरिका ने वर्ल्ड वार-2 में जापान पर परमाणु बम का इस्तेमाल किया था। वह एटम बम था यानि उसमें नाभिकीय विखंडन (Fission) वाली तकनीक थी।

author-image
vineet kumar
एडिट
New Update
हाइड्रोजन बम क्या है और क्यों हिरोशिमा-नागासाकी पर अमेरिका के गिराए एमट बम से है ज्यादा खतरनाक

हाइड्रोजन बम और एटम बम का अंतर (प्रतीकात्मक फोटो)

नॉर्थ कोरिया के हाइड्रोजन बम परीक्षण की खबरों ने एक बाद फिर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। संयुक्त राष्ट्र की ओर से लगातार मिल रही चेतावनियों के बाद भी उत्तर कोरिया अपने मिसाइल परीक्षणों पर लगाम नहीं लगा रहा है।

Advertisment

इस परीक्षण के बाद अमेरिका सहित कई बड़े देशों की टेढ़ी नजर उत्तर कोरिया पर पड़ गई है। आईए, जानते हैं कि हाइड्रोजन बम क्या है और यह दूसरे परमाणु बम से कितना खतरनाक है।

दरअसल, हाइड्रोजन बम, परमाणु बम से कई गुना ज्यादा शक्तिशाली और घातक होता है। जहां परमाणु बम में नाभिकीय विखंडन (Nuclear Fission) का इस्तेमाल होता है। वहीं, हाइड्रोजन बम में नाभिकीय संलयन (Nuclear Fusion) को इस्तेमाल में लाया जाता है।

यह भी पढ़ें: हाइड्रोजन बम परीक्षण: नॉर्थ कोरिया को अमेरिका की दो टूक, कहा- खतरा लगा तो कार्रवाई से नहीं हिचकेंगे

Advertisment

इन दोनों ही प्रक्रियाओं में भारी मात्रा में उर्जा निकलती है और इसी उर्जा का इस्तेमाल बम के तौर पर तबाही मचाने के लिए होता है।

क्या है नाभिकीय विखंडन

इस दौरान एक परमाणु दो भागों में टूटता है। इस रिएक्शन को ही परमाणु बम में इस्तेमाल किया जाता है।

Advertisment

नाभिकीय संलयन क्या है हाइड्रोजन बम क्यों होता है एटम बम से ज्यादा खतरनाक

इस दौरान दो परमाणु आपस में जुड़ते हैं। इससे भी भारी मात्रा में उर्जा निकलती है और Fission के मुकाबले Fusion में बेहद ज्यादा होती है।

अमेरिका ने वर्ल्ड वार-2 में जापान पर परमाणु बम का इस्तेमाल किया था। वह एटम बम था यानि उसमें नाभिकीय विखंडन (Fission) वाली तकनीक थी।

Advertisment

हालांकि, इसके उलट हाइड्रोजन कहीं ज्यादा खतरनाक और विनाशकारी है। इसकी वजह ये है कि इसमें विखंडन और संलयन दोनों काम किए जाते हैं। इसका मतलब ये हुआ इसके दो चरण होते हैं।

वैज्ञानिकों के अनुसार सूरज पर यही प्रक्रिया लगातार काम करती रहती है और उसकी ताम हमें यहां तक महसूस होती है।

न्यूक्लियर फ्यूजन को शुरू करने के लिए बहुत ज्यादा तापमान की जरूरत होती है। ऐसे में पहले वहां विखंडन यानि Nuclear Fission कराते हैं और उससे जो तापमान पैदा होता है उससे नाभिकीय संलयन (Fusion) होता है।

Advertisment

यह भी पढ़ें: हाइड्रोजन बम का इस्तेमाल करते हुए उत्तर कोरिया ने किया अब तक का सबसे शक्तिशाली परमाणु परीक्षण

यही कारण है कि दो चरणों वाला ये रिएक्शन हाइड्रोजन बम को इतना शक्तिशाली बना देता है।

किन देशों के पास है हाइड्रोजन बम

हाइड्रोजन बमों को बनाने की क्षमता फिलहाल अमेरिका, रूस, फ्रांस, इंग्लैंड और चीन के पास है।

अमेरिका ने ही दुनिया के पहले हाइड्रोजन बम का परीक्षण एक नवंबर 1952 में किया था। वहीं दूसरा परीक्षण रूस ने साल 1953 में किया था।

यह भी पढ़ें: तस्वीरों में देखिए मोदी सरकार के तीसरे मंत्रिपरिषद का विस्तार

Source : News Nation Bureau

Hydrogen Bomb atom bomb America North Korea
Advertisment
Advertisment