उपन्यासकार अब्दुलराजाक गुरनाह को मिला साहित्य का नोबेल पुरस्कार

अब्दुलराजाक गुरनाह की मुख्य शैक्षणिक रुचि उपनिवेशवाद के बाद के लेखन और उपनिवेशवाद से जुड़े परिवर्तनों में है.

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Pradeep Singh
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Abulrazak Gurnah

उपन्यासकार अब्दुलराजाक गुरनाह, नोबेल पुरस्कार विजेता 2021( Photo Credit : News Nation)

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साहित्य में 2021 का नोबेल पुरस्कार उपन्यासकार अब्दुलराजाक गुरनाह को "उपनिवेशवाद के प्रभावों और संस्कृतियों और महाद्वीपों के बीच की खाई में शरणार्थी के भाग्य के उनके अडिग और करुणामय प्रवेश के लिए" से सम्मानित किया गया है. अब्दुलराजाक गुरनाह का जन्म 1948 ज़ांज़ीबार (तंजानिया) में हुआ था. वह एक उपन्यासकार हैं, जो अंग्रेजी में लिखते हैं और यूनाइटेड किंगडम में रहते हैं. उनके उपन्यासों में सबसे प्रसिद्ध हैं पैराडाइज (1994), जिसे बुकर और व्हाइटब्रेड पुरस्कार, डेजर्टन (2005) और बाय द सी (2001) दोनों के लिए चुना गया था, जिसे बुकर के लिए लंबे समय से सूचीबद्ध किया गया था और लॉस एंजिल्स टाइम्स के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया था.

पूर्वी अफ्रीका के तट से दूर ज़ांज़ीबार द्वीप पर जन्मे गुरनाह 1968 में एक छात्र के रूप में ब्रिटेन गए थे. 1980 से 1982 तक, गुरनाह नाइजीरिया के बेएरो विश्वविद्यालय कानो में प्राध्यापक रहे. इसके बाद वे केंट विश्वविद्यालय चले गए, जहां उन्होंने 1982 में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की. अब वे अंग्रेजी विभाग के भीतर स्नातक अध्ययन के प्रोफेसर और निदेशक हैं. उनकी मुख्य शैक्षणिक रुचि उपनिवेशवाद के बाद के लेखन और उपनिवेशवाद से जुड़े परिवर्तनों में है, खासकर जब वे अफ्रीका, कैरिबियन और भारत से संबंधित हैं.

उन्होंने अफ्रीकी लेखन पर निबंध के दो खंडों का संपादन किया है, वीएस नायपॉल, सलमान रुश्दी और ज़ो विकॉम्ब सहित कई समकालीन उत्तर-औपनिवेशिक लेखकों पर लेख प्रकाशित किए हैं. वह सलमान रुश्दी के सहयोगी (कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस, 2007) के संपादक रहे. उन्होंने 1987 से वासाफिरी पत्रिका में एक संपादक के रूप में भी काम किया. गुरनाह ने रुश्दी, नायपॉल, जीवी देसानी, एंथनी बर्गेस , जोसेफ कॉनराड , जॉर्ज लैमिंग और जमैका किनकैड के लेखन पर अनुसंधान परियोजनाओं की देखरेख की है.

novelist Abdulrazak Gurnah 2021 Nobel Prize in Literature effects of colonialism
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