पाकिस्तान में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद देश के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री शिबली फराज ने जनता को 'जितना संभव हो उतना कम ईंधन' का उपयोग करने की सलाह दी. संसद भवन में पत्रकारों से बात करते हुए मंत्री ने कहा कि यह अलग मामला होता, अगर पाकिस्तान अपना पेट्रोल खुद बनाता या देश में तेल के कुएं होते. उन्होंने कहा, 'अंतर्राष्ट्रीय बाजार में ईंधन की कीमत 95 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई है. सरकार ने जनता को राहत देने के लिए ईंधन की कीमतों पर कर नहीं लगाया है.'
फराज ने यह भी कहा कि इन मुश्किल हालात में जीवन सामान्य नहीं हो सकता, क्योंकि मुद्रास्फीति और कोविड-19 वैश्विक मुद्दे हैं. उन्होंने कहा, 'हमारी सरकार की प्राथमिकता खाने-पीने की चीजों पर सब्सिडी देना है.' बातचीत के दौरान, उन्होंने कहा कि विज्ञान मंत्रालय बिजली की खपत को कम करने की कोशिश कर रहा है, क्योंकि यह सरकार को तेल के आयात को कम करने की अनुमति देगा. सरकार ने मंगलवार को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि का हवाला देते हुए पेट्रोल की कीमत में 12.03 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी करके जनता पर एक बड़ा बोझ डाल दिया.
HIGHLIGHTS
- पेट्रोल की कीमतों में 12.03 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि
- मंत्रीजी ने कहा कि जितना संभव हो उतना कम करें प्रयोग
- कंगाली की कगार पर खड़े पाकिस्तान के लिए दोहरी मार