पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) मोईद युसूफ ने कहा कि देश में विदेशियों की सुरक्षा पाकिस्तान की जिम्मेदारी है और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) पर काम कर रहे चीनी कामगारों और इंजीनियरों की चिंताओं को गंभीरता से लिया जा रहा है. एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार एनएसए की टिप्पणी बीजिंग रिव्यू के साथ एक साक्षात्कार में आई, जिसमें उन्होंने उल्लेख किया कि कुछ देश और उनके प्रॉक्सी एक्टर्स सीपीईसी को सफल नहीं होने देना चाहते हैं, क्योंकि वे पाकिस्तान-चीन साझेदारी को खतरे के रूप में देखते हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि यूसुफ ने स्वीकार किया कि सीपीईसी परियोजनाओं पर कई हमले हुए हैं, जिसमें भारत ने तीसरे देशों से संचालित पाकिस्तान विरोधी आतंकवादी संगठनों के माध्यम से उनका समर्थन और वित्त पोषण किया है. उन्होंने कहा, दुर्भाग्य से हमारे दुश्मन हमें निशाना बनाने के तरीके तलाशते रहेंगे. हालांकि एनएसए ने कहा कि इन हमलों की परवाह किए बिना इस बात के स्पष्ट सबूत हैं कि पाकिस्तान-चीन संबंध अभी भी मजबूत हो रहे हैं, क्योंकि दोनों देश मजबूत सुरक्षा प्रोटोकॉल को लेकर प्रतिबद्ध हैं.
यूसुफ ने कहा, सीपीईसी को कमजोर करने के लिए बाहरी शक्तियों के इशारे पर काम करने वाली सभी विरोधी ताकतों को हरा दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के पास अब देश में हर चीनी नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक तंत्र है. रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्होंने जोर देकर कहा कि सीपीईसी की पूरी क्षमता का एहसास तभी होगा जब क्षेत्र में शांति होगी. उन्होंने कहा, चीन ने हमेशा हमें सभी के साथ अच्छे संबंध रखने की सलाह दी है और हमने हमेशा यह कहा है कि बीजिंग के साथ इस्लामाबाद के संबंध एकमात्र (इक्स्क्लूसिव) नहीं हैं.
HIGHLIGHTS
- CPEC परियोजना पर हुए हमलों को भारत ने किया वित्त पोषित
- भारत नहीं चाहता कि पाकिस्तान-चीन के रिश्तों में गहराई आए
- इसके पहले लाहौर प्रदूषण के लिए भारत पर लगाया ता आरोप