पाकिस्तान ने गुरुवार को भारत के उच्चायुक्त को तलब कर विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूक की बातचीत पर भारतीय रुख के प्रति अपना विरोध दर्ज कराया. पाकिस्तान ने यह कदम अपने विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी द्वारा हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूक को टेलीफोन कॉल करने पर भारत में इस्लामाबाद के प्रतिनिधि को तलब कर उनसे विरोध दर्ज कराए जाने के एक दिन बाद उठाया है.
डॉन ऑनलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान की विदेश सचिव तहमीना जंजुआ ने नई दिल्ली के कदम को लेकर विरोध दर्ज करने के लिए भारत के उच्चायुक्त अजय बिसारिया को सुबह तलब किया.
यह विवाद कुरैशी द्वारा मंगलवार को फारूक को फोन करने से शुरू हुआ. इस फोन कॉल में कुरैशी ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 'जम्मू एवं कश्मीर में मानवाधिकार की स्थिति को उजागर' करने के पाकिस्तान के प्रयासों के बारे में बातचीत की.
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने पाकिस्तान से बुधवार को जम्मू एवं कश्मीर मुद्दे को छोड़ने को कहा और विदेश सचिव विजय गोखले ने पाकिस्तान उच्चायुक्त सोहेल महमूद को तलब कर विरोध दर्ज कराया.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का अपने विदेश मंत्री द्वारा कराया गया यह काम भारत की एकता व अखंडता तथा संप्रभुता पर आघात का एक नग्न प्रयास है. दैनिक के अनुसार जंजुआ ने भारतीय राजनयिक से कहा कि पाकिस्तान कश्मीर के लोगों को समर्थन देना जारी रखेगा.
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पाकिस्तान के विदेश कार्यालय प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने भारत के फोन कॉल पर आपत्ति को खारिज कर दिया और 'इस्लामाबाद द्वारा आत्मनिर्णय के लिए कश्मीरी संघर्ष को समर्थन देने की बात दोहराई.'
उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान, भारत के आक्षेपों को खारिज करता है, जो आत्मनिर्णय के कश्मीरी संघर्ष को आतंकवाद से जोड़ता है.' विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा, 'कश्मीर एक विवादित क्षेत्र है. भारत सरकार का पाकिस्तानी उच्चायुक्त को तलब करने का कदम (भारत में होने वाले) आगामी चुनाव को प्रभावित करने का एक प्रयास है.'
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बयान में कहा गया, 'अगर आप अपने चुनाव लड़ना चाहते हैं तो उसमें हमें शामिल मत करें.'
इसमें कहा गया, 'पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्तावों के अनुसार कश्मीर विवाद के शांतिपूर्ण हल होने तक अपना समर्थन व एकजुटता बनाए रखेगा.' मीरवाइज उमर फारूक ने भी टेलीफोन कॉल को सही बताया और सवाल किया कि नई दिल्ली इससे इतना परेशान क्यों है.
Source : IANS