यूक्रेन पर रूसी हमले के 39 दिन हो चुके हैं. इसके बावजूद रूसी सेना अभी तक कीव, मारियुपोल, खारकीव जैसे शहरों पर कब्जा नहीं कर सकी है. शांति वार्ता के भी कई चरण हो चुके हैं, लेकिन वह जमीन पर आकार नहीं ले सकी है. इस बीच रूस-यूक्रेन के बीच वार-पलटवार जारी है. अब यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने अपने मुल्क के लोगों को आगाह किया कि राजधानी से पीछे हट रहे रूसी सैनिकों ने उसके बाहरी इलाकों में ‘एक बड़ी आपदा’ पैदा कर दी है, क्योंकि वे ‘पूरे क्षेत्र’ में बारूदी सुरंगें छोड़ गए हैं. यहां तक कि घरों और लाशों के आसपास भी वे बारूदी सुरंगे छोड़ गये हैं. जेलेंस्की ने यह भी दावा किया है कि इस हमले में रूस को सैनिकों और विमानों के रूप में भारी नुकसान उठाना पड़ा है.
जेलेंस्की ने यह चेतावनी ऐसे समय में जारी की है, जब रूसी सेना द्वारा निकासी कार्यों को लगातार दूसरे दिन बाधित करने से बंदरगाह शहर मारियुपोल में मानवीय संकट गहरा गया है और क्रेमलिन ने यूक्रेन पर रूसी धरती पर स्थित एक ईंधन डिपो पर हेलीकॉप्टर से हमला करने का आरोप लगाया है. हालांकि यूक्रेन ने इस हमले की जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया है, लेकिन अगर रूसी दावों की पुष्टि होती है तो यह युद्ध में पहला ऐसा ज्ञात हमला होगा, जिसमें किसी यूक्रेनी विमान ने रूसी हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की. इस बीच जेलेंस्की ने क्षेत्र के लोगों से तब तक सामान्य जीवन में न लौटने की अपील की, जब तक यह सुनिश्चित नहीं कर लिया जाता कि बारूदी सुरंगें हटा दी गई हैं और गोलाबारी का खतरा टल गया है.
क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने कहा, 'निश्चित रूप से यह एक ऐसी कार्रवाई नहीं है, जिसे दोनों पक्षों के बीच वार्ता जारी रखने के माकूल माना जा सकता है.' रूस ने कीव के आसपास के क्षेत्रों से अपने कुछ सैनिकों को वापस बुलाना जारी रखा है. दरअसल मॉस्को ने सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि वह यूक्रेन की राजधानी और उत्तरी शहर चेर्निहाइव के पास सैन्य गतिविधियों में कमी लाएगा. हालांकि, जेलेंस्की ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा, 'वे पूरे क्षेत्र में बारूदी सुरंगें बिछा रहे हैं. वे घरों के आसपास बारूदी सुरंगें छोड़ रहे हैं. यहां तक कि युद्ध में मारे गए लोगों की लाशों को भी नहीं बख्श रहे.'
HIGHLIGHTS
- पीछे हट रही रूसी सेना ने इलाकों में बारूदी सुरंगें बिछाई
- जेलेंस्की ने की लोगों से वापस न लौटने की अपील
- रूसी सेना और हथियारों को बर्बाद करने का दावा