दुनिया भर में भारत (India) के खिलाफ दुष्प्रचार करने के बाद भी मुंह के बल गिरे पाकिस्तान (Pakistan) को अब तालिबान ने भी बड़ा झटका दिया है. तालिबान ने सोशल मीडिया में वायरल उन दावों का खंडन किया है, जिसमें कहा गया था कि तालिबान कश्मीर में पाकिस्तान की ओर से प्रायोजित आतंकवाद का हिस्सा हो सकता है. आधिकारिक बयान में तालिबान ने यह साफ कर दिया है कि वह अन्य देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करता. अफगानिस्तान में तालिबान के प्रवक्ता की ओर से कहा गया, 'तालिबान के कश्मीर में जारी जिहाद में शामिल होने के बारे में मीडिया में प्रकाशित बयान गलत हैं. हमारी स्पष्ट नीति है कि हम अन्य देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करते.'
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इससे पहले सोशल मीडिया के हवाले से कहा गया था कि तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कश्मीर विवाद का हल होने तक भारत से दोस्ती असंभव करार दिया था. यह भी कहा गया था कि काबुल में सत्ता पर कब्जा करने के बाद कश्मीर पर भी कब्जा होगा. अब तालिबान अधिकारियों की तरफ से इस पर खंडन जारी किया गया है.
हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के अनुसार, तालिबान के प्रवक्ता का स्पष्टीकरण भारत के उस प्रयास के बाद आया है, जिसमें इस रिपोर्ट की पुष्टि करने की कोशिश की गई. इससे पहले भारत ने कहा था कि सोशल मीडिया पोस्ट तालिबान का स्टैंड नहीं है. हालांकि विश्लेषकों ने यह भी रेखांकित किया है कि तालिबान एक अखंड बॉडी नहीं है. इसमें भिन्न-भिन्न मत के लोग शामिल हैं. उदाहरण के लिए, इस समूह के पाकिस्तान के राज्यों के साथ अच्छे संबंध हैं, वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो एक स्वतंत्र लाइन के पक्ष में हैं.
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हालांकि जानकारों ने कहा, अफगान तालिबान का शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था शूरा क्वेटा में स्थित है. हक्कानी नेटवर्क पेशावर में है. दोनों ही पाकिस्तान में हैं. ऐसे में अगर पाक्सितान के दबाव में इसमें कोई ट्विस्ट आता है तो किसी को आश्चर्यचकित नहीं होना चाहिए.
Source : News Nation Bureau