Advertisment

डाकोला मुद्दे पर डोभाल के बातचीत से भी नहीं निकला हल, चीनी सरकार पर भी बढ़ रहा है आंतरिक दबाव

ब्रिक्स देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक के दौरान भारतीय NSA अजीत डोभाल और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाक़ात हुई थी।

author-image
Deepak Kumar
एडिट
New Update
डाकोला मुद्दे पर डोभाल के बातचीत से भी नहीं निकला हल, चीनी सरकार पर भी बढ़ रहा है आंतरिक दबाव

शी जिनपिंग (चीन के राष्ट्रपति)

Advertisment

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाक़ात के बाद भी डाकोला में सेनाओं के बीच चल रही तनातनी ख़त्म होती नहीं दिख रही। जानकारों का मानना है कि हाल के दिनो में गतिरोध में थोड़ी कमी आने के बाद नेताओं के पास इस मुद्दे को सुलझाने के लिए वक़्त मिलेगा।

बता दें कि ब्रिक्स देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक के दौरान भारतीय NSA अजीत डोभाल और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाक़ात हुई थी।

अंग्रेज़ी अख़बार टाइम्स ऑफ़ इंडिया के मुताबिक एक चीनी विशेषज्ञ का कहना है, 'चीनी नेताओं द्वारा ज़ोर देने के बाद भले ही थोड़े समय के लिए सीमा पर गतिरोध में कमी आई हो। लेकिन दोनो देशों के बीच सार्थक बातचीत के लिए ज़रूरी है कि भारत डाकोला से अपनी सेना हटाए।'

विशेषज्ञ ने कहा, 'संभावना है कि शी जिनपिंग जल्द ही भारत को डाकोला से सेना हटाने को कहेंगे। क्योंकि 1 अगस्त को पीपल्स लिबरेशन ऑफ़ आर्मी की 90वीं वर्षगांठ है और चीन इस मौके पर कई आयोजन करने वाला है।'

अरुण जेटली का आश्वासन, आपात स्थिति से निपटने के लिए सेना पूरी तरह लैस

नाम गुप्त रखने की शर्त पर एक चीनी विश्लेषक ने बताया, 'दोनों पक्षों की ओर से दिखाई जा रही आक्रामकता में कमी आने के कारण शायद दोनों देशों को इस मामले का समाधान तलाशने में मदद मिले। यह काम आसान नहीं है क्योंकि दोनों तरफ ही भड़काऊ बयान देने वाले लोग हैं।'

जापान के साथ एयर फ्लाइट कंट्रोल जोन को लेकर चीन का विवाद है, लेकिन चीनी नेतृत्व ने अमेरिका द्वारा विरोध जताने के बाद भी साउथ चाइना सी के विवादित हिस्सों में कृत्रिम द्वीपों का निर्माण कराया।

ऐसे में चीन के लिए डाकोला में भारत द्वारा की जा रही मांग के बाद सेना को एक इंच भी पीछे हटाना मुश्किल होगा। शायद यही वजह है कि चीन भारत के दबाव के आगे नहीं झुकना चाहता। चीनी सरकार की मुश्किल यह है कि ईस्ट और साउथ चाइना सी में तमाम विरोधों को नजरंदाज करते हुए चीन अपने दावे पर अड़ा है, लेकिन डाकोला मुद्दे पर भारत उसे हावी नहीं होने दे रहा।

भारत के एनएसए अजीत डोभाल ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से की मुलाकात

चीन के अंदर भी डाकोला विवाद को लेकर सरकार के लिए माहौल तेजी से बदल रहा है। इतना ही नहीं सरकार के लिए कम्युनिस्ट पार्टी के अंदर मौजूद युद्ध समर्थकों से निपटना भी बड़ी चुनौती है। इस धड़ा का मानना है कि डाकोला से भारतीय सैनिकों को जबरदस्ती निकाला जाए।

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुश्किल यह है कि जल्द ही होने वाली कम्युनिस्ट पार्टी की एक अहम बैठक में सरकार और पार्टी पदों के लिए लोगों का नए सिरे से चुनाव होगा। ऐसे में भारत को लेकर लिया गया कोई भी नरम रवैया जिनपिंग की मुश्किल बढ़ा सकता है।

दूसरी तरफ उत्तर कोरिया से लगी अपनी सीमा पर चीन के सामने जोखिम की स्थिति है। प्योंगयांग की ओर से किसी अप्रत्याशित और खतरनाक कार्रवाई की आशंका के मद्देनजर चीन ने यहां अपनी सैन्य मौजूदगी को काफी बढ़ा दिया है।

अमेरिकी विशेषज्ञ ने कहा, भारत-चीन सीमा विवाद युद्ध का कारण बन सकता है

HIGHLIGHTS

  • सिक्किम सेक्टर के डाकोला में सीमा पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच गतिरोध को लेकर हुई बातचीत 
  • डोभाल और शी जिनपिंग की मुलाक़ात के बाद भी कम नहीं हो रही तनातनी
  • चीन के अंदर भी डाकोला विवाद को लेकर सरकार के लिए माहौल तेजी से बदल रहा है

Source : News Nation Bureau

INDIA china Xi Jinping ajit doval jinping doval Sikkim stand off Doklamm
Advertisment
Advertisment
Advertisment