ईरान के विदेश मंत्री हुसैन आमिर-अब्दुल्लाहियान ने कहा है कि अगर इस्लामिक गणराज्य की लाल रेखाओं का सम्मान किया जाता है, तो ईरान 2015 के परमाणु समझौते को फिर से शुरू करने के लिए एक समझौते पर पहुंचने के लिए कदम उठाने को तैयार है. समाचार एजेंसी आईआरएनए के अनुसार, उन्होंने कहा कि जॉर्डन की यात्रा के दौरान यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेप बोरेल और परमाणु वार्ता के लिए यूरोपीय संघ के समन्वयक एनरिक मोरा के साथ ईरान विरोधी प्रतिबंधों को हटाने से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने का एक अवसर था.
आमिर-अब्दुल्लाहियान ने संवाददाताओं से कहा, हमारी समझ यह है कि पार्टियां (परमाणु समझौते के लिए) यथार्थवाद की ओर लौट रही हैं और हमने यह भी घोषणा की कि यदि हमारी सीमाओं का सम्मान किया जाता है, तो हम एक समझौते पर पहुंचने के लिए अंतिम कदम उठाने के लिए तैयार हैं. आमिर ने अम्मान में सहयोग और साझेदारी के लिए बगदाद सम्मेलन में भाग लिया.
उन्होंने कहा कि पिछले महीनों में अमेरिका ने संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) की वापसी के लिए सभी पक्षों के अंतिम कदमों के लिए बार-बार अपनी प्राथमिकता की घोषणा की है, लेकिन हकीकत में ऐसा कुछ किया नहीं किया गया.
ईरान ने जुलाई 2015 में विश्व शक्तियों के साथ जेसीपीओए पर हस्ताक्षर किए और देश पर लगे प्रतिबंधों को हटाने के बदले में अपने परमाणु कार्यक्रम पर कुछ अंकुश लगाने पर सहमति व्यक्त की. समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका ने मई 2018 में समझौते से खुद को अलग कर लिया और तेहरान पर एकतरफा प्रतिबंधों को फिर से लागू कर दिया. इससे ईरान ने अपनी परमाणु प्रतिबद्धताओं से हाथ पीछे खींच लिया.
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Source : IANS