न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने रविवार को 1970 के दशक में डॉन रेड्स से प्रभावित प्रशांत समुदायों से औपचारिक रूप से माफी मांगी।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, साल 1974 और 1976 के बीच, कठोर आव्रजन नीतियों की एक श्रृंखला को अंजाम दिया गया था, जिसके कारण प्रशांत परिवारों के घरों पर छापे मारे गए थे।
यह ठहरने वालों को खोजने, दोषी ठहराने और निर्वासित करने के लिए छापे अक्सर सुबह बहुत जल्दी या देर रात को होते थे।
अर्डर्न ने ऑकलैंड के टाउन हॉल में कहा कि, आज मैंने सरकार की ओर से, आव्रजन कानूनों के भेदभावपूर्ण कार्यान्वयन के लिए प्रशांत समुदायों के लिए एक औपचारिक और अनारक्षित माफी की पेशकश की, जिसके कारण डॉन रेड्स छापे पड़े।
उन्होंने कहा कि, पिछले कार्यों के लिए हमारे दुख, खेद और पश्चाताप व्यक्त करना सही काम है और बंद करने और सुलह का अवसर प्रदान करता है।
पैसिफिक पीपुल्स मिनिस्टर ऑपिटो विलियम सियो ने कहा कि पीछे मुड़कर देखने पर यह स्पष्ट हो गया कि आव्रजन कानून भेदभावपूर्ण थे।
विलियम सियो ने कहा कि, प्रशांत लोगों, माओरी और अन्य जातीय समुदायों को विशेष रूप से लक्षित और नस्लीय रूप से प्रोफाइल किया गया था, जो गलत था और ऐसा कभी नहीं होना चाहिए था।
विलियम सियो ने कहा कि, इसी अवधि के दौरान अमेरिका और ब्रिटेन के ओवरस्टेयर, जिनमें मोटे तौर पर एक तिहाई ओवरस्टेयर शामिल ने केवल 5 प्रतिशत अभियोग चलाया।
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Source : IANS