महानगर में लोकतांत्रिक स्वतंत्रता के लिए आहूत एक रैली के दौरान रविवार को हिंसा भड़क जाने के बाद लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों ने दो पुलिस अधिकारियों की बुरी तरह पिटाई कर दी. अधिकारी प्रदर्शन स्थल के आसपास की सड़कों पर लोगों को रोककर तलाशी लेने लगे और वहां अधिकृत रूप से इकट्ठी भीड़ को हट जाने के लिए कहा जिसके बाद समस्या शुरू हो गई. क्रुद्ध भीड़ ने उन पर पानी की बोतल और पेंट फेंकी.
सादे कपड़ों में तैनात अधिकारी वहां रैली के आयोजकों से बात कर रहे थे तभी नकाबपोश प्रदर्शनकारियों ने हिंसा शुरू कर दी. मौके पर मौजूद एएफपी के एक संवाददाता ने अधिकारियों की छाता और बेंत से पिटाई होते देखा. दो अधिकारियों के सिर पर खून के धब्बे देखे गए और उनके साथी उन्हें हमले से बचा रहे थे. पुलिस प्रवक्ता एनजी लोक चुन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम सभी दंगाइयों एवं हिंसक कृत्यों की कड़ी निंदा करते हैं.’’
ऑनलाइन पोस्ट किए गए एक वीडियो में दिखा कि एक आयोजक माइक्रोफोन लेकर अधिकारियों से वारंट कार्ड दिखाने के लिए कह रहा है जिसे उन्होंने नहीं दिखाया. रैली आयोजक वेनटस लाउ ने कहा कि उनका मानना है कि पुलिस को ‘‘संघर्षों के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदारी लेनी चाहिए’’ क्योंकि वारंट कार्ड दिखाने में उन्होंने काफी लंबा वक्त लिया. पुलिस और रैली आयोजकों ने पुष्टि की कि बाद में लाउ को अधिकारियों के काम में बाधा पहुंचाने के लिए गिरफ्तार कर लिया गया.
अधिकारियों पर हमले के तुरंत बाद वहां दंगा निरोधक पुलिस पहुंची और उसने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए इलाके में आंसू गैस के गोले छोड़े. पुलिस के साथ थोड़े समय तक हुए संघर्ष के दौरान पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया जिसमें एक प्रदर्शनकारी ऐसा भी था जिसके सिर के पिछले हिस्से से खून निकल रहा था. हांगकांग में एक प्रस्ताव को लेकर सात महीने से प्रदर्शन जारी है जिसमें वहां पकड़े गए किसी भी व्यक्ति को चीन प्रत्यर्पित किए जाने का प्रस्ताव था. लेकिन इस प्रस्ताव को अब टाल दिया गया है.
Source : Bhasha