Omicron : दक्षिण अफ्रीका में प्रतिदिन आ रहे दोगुने केस, डरा रहे ये आंकड़ें   

इस समय पूरी दुनिया में इस नए वेरिएंट के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है. दक्षिण अफ्रीका में ओमीक्रॉन का तेजी से बढ़ना इस बात का महत्वपूर्ण प्रमाण है कि यह वर्ष 2022 में प्रमुख वेरिएंट बन सकता है.

author-image
Vijay Shankar
New Update
Omnicron in South Africa

Omnicron in South Africa ( Photo Credit : File Photo)

Advertisment

Omicron : पहली बार दक्षिण अफ्रीका में पहचानी गई COVID-19 महामारी का ओमीक्रॉन वेरिएंट तेजी से पूरी दुनिया में फैल चुका है. यूरोप, संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और चीन सहित 30 से अधिक देशों में इस नए वेरिएंट के मामले सामने आ चुके हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इस नए वेरिएंट को लेकर पहले ही चिंता प्रकट कर चुकी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की प्रमुख वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन का मानना ​​है कि ओमीक्रॉन में प्रमुख कोविड वेरिएंट बनने की क्षमता है. दक्षिण अफ्रीका के डेटा से पता चलता है कि मामलों की संख्या प्रतिदिन दोगुनी हो रही है. नवंबर में कोविड मामलों में से 73 फीसदी ओमीक्रॉन के मामले थे.

यह भी पढ़ें : Omicron : राज्यों ने बरती सख्ती, यात्रा करने से पहले जानें नए नियम  

इस समय पूरी दुनिया में इस नए वेरिएंट के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है. दक्षिण अफ्रीका में ओमीक्रॉन का तेजी से बढ़ना इस बात का महत्वपूर्ण प्रमाण है कि यह वर्ष 2022 में प्रमुख वेरिएंट बन सकता है. आने वाले कुछ महीनों के भीतर यूरोपीय संघ और ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिक डेल्टा की तुलना में अधिक संक्रमण पैदा करने के लिए ओमीक्रॉन का अनुमान लगा रहे हैं. जबकि प्रारंभिक आंकड़ों से पता चलता है कि ओमीक्रॉन को लेकर फिलहाल कोई घातक लक्षण देखने को नहीं मिले हैं.  फिलहाल WHO ने भी कहा है कि ओमीक्रॉन से कोई मौत नहीं हुई है, लेकिन यह निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है कि यह वेरिएंट माइल्ड है. 

द. अफ्रीका में 35,670 लोग फिर से संक्रमित

दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों ने एक सांख्यिकीय अध्ययन किया है जिसे पता चलता है कि ओमीक्रॉन से पिछले कोविड रूपों की तुलना में व्यक्तियों को पुन: संक्रमित करने की तीन गुना अधिक संभावना है. एक अध्ययन में दक्षिण अफ्रीका से 2.8 मिलियन पॉजिटिव कोरोना वायरस नमूनों का विश्लेषण किया गया, जिनमें से 35,670 को फिर से संक्रमित पाया गया. हालांकि वैज्ञानिकों के पास टीकाकरण का आंकड़ा मौजूद नहीं था. यह निर्धारित करने के लिए और अधिक शोध आवश्यक है कि क्या ओमीक्रॉन अन्य रूपों की तुलना में टीकों, उपचारों और प्राकृतिक प्रतिरक्षा के लिए अधिक पारगम्य, घातक या प्रतिरोधी है.

दक्षिण अफ्रीका में सिर्फ 30 फीसदी लोगों को लग चुके हैं टीके

WHO ने अभी तक यह निर्धारित नहीं किया है कि ओमीक्रॉन का मुकाबला करने के लिए एक नए टीके या बूस्टर की आवश्यकता होगी या नहीं. दक्षिण अफ्रीका की आबादी का केवल 30 फीसदी लोगों को टीका लगाया गया है, जिससे शोधकर्ताओं के लिए यह निर्धारित करना मुश्किल हो जाता है कि टीके किस हद तक व्यक्तियों को नए वेरिएंट से बचाते हैं. डब्ल्यूएचओ ने वैक्सीन निर्माताओं से कहा है कि उन्हें अपने मौजूदा कोविड टीकों को बदलने के लिए तैयार रहना चाहिए.

HIGHLIGHTS

  • इस नए वेरिएंट को लेकर WHO पहले ही चिंता प्रकट कर चुकी है
  • पूरी दुनिया में नए वेरिएंट के मामले में तेजी से हो रही है वृद्धि
  • अब तक पूरे विश्व में ओमीक्रॉन से एक भी मौत की सूचना नहीं 

Source : News Nation Bureau

covid-19 चीन कोरोना corona USA china South Africa अमेरिका WHO साउथ अफ्रीका omicron डब्ल्यूएचओ ओमीक्रॉन कोविड New Variant
Advertisment
Advertisment
Advertisment