कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन ने धीरे-धीरे दुनिया के कई देशों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है. इस बीच ब्रिटेन से बड़ी खबर सामने आई है. यहां एक अध्ययन में दावा किया गया है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट की वजह से अगले साल जनवरी में यूके कोरोना की बड़ी लहर का सामना करना सकता है. यह ऐसी लहर होगी जिसमें लोगों को हॉस्पिटल की जरूरत तो कम पड़ेगी, लेकिन संक्रमण काफी तेजी के साथ फैलेगा.
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ब्रिटेन को लेकर यह दावा LSHTM मॉडल की ओर से किया गया है. मॉडल में बताया गया है कि ब्रिटेन में अगर कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया, जैसे जल्द ही प्रतिबंध नहीं लगाए गए, सामाजिक दूरी का पालन नहीं किया गया या मास्क आदि पर ध्यान नहीं दिया गया तो ओमिक्रॉन पूरे देश को अपनी चपेट में ले लेगा और न जाने कितने लोग संक्रमित हो जाएंगे. मॉडल में तो यहां तक कहा गया है कि ब्रिटेल में ओमिक्रॉन संक्रमण कोरोना के डेल्टा वेरिएंट से कहीं ज्यादा घातक साबित हो सकता है.
यूके के एक अध्ययन के अनुसार, एक कोविड वैक्सीन के दो-शॉट ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ पर्याप्त नहीं हो सकते हैं और सुपर म्यूटेंट वेरिएंट को रोकने के लिए तीसरी खुराक या बूस्टर शॉट आवश्यक है. यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी (यूकेएचएसए) द्वारा जारी किए गए अध्ययन से पता चला है कि ओमिक्रॉन के साथ रोगसूचक रोग के खिलाफ पूर्ण दो-खुराक टीकाकरण पाठ्यक्रम कोविड-19 या डेल्टा वेरिएंट के मूल तनाव की तुलना में कम प्रभावी था. दूसरी ओर, बूस्टर खुराक के बाद प्रारंभिक अवधि में मध्यम से उच्च टीके की प्रभावशीलता 75 प्रतिशत देखी जाती है.
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एजेंसी ने एक बयान में कहा, "रोगसूचक संक्रमण के खिलाफ टीका प्रभावशीलता (वीई) के शुरूआती अनुमान डेल्टा संक्रमण की तुलना में ओमिक्रॉन संक्रमण के लिए काफी कम वीई पाते हैं। फिर भी, बूस्टर खुराक के बाद शुरूआती अवधि में 70 से 75 प्रतिशत की मध्यम से उच्च टीका प्रभावशीलता देखी जाती है।
Source : News Nation Bureau