जानलेवा कोरोना वायरस से दुनिया अभी पूरी तरह से उबर नहीं पाई थी कि वायरस के नई वैरिएंट ओमिक्रॉन ने पूरे विश्व में सनसनी फैला दी है. साउथ अफ्रीका में पाए गए वायरस के इस वैरिएंट को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने भी चिंता जाहिर की है. डब्ल्यूएचओ के कसर्न के बाद ओमिक्रॉन भारत समेत दुनियाभर के तमाम देशों को लिए चिंता की वजह बन गया है. इस बीच इटली के शोधकर्ताओं ने कोरोना वायरस ओमिक्रॉन वैरिएंट की पहली तस्वीर जारी की है, जिससे साफ पता चलता है कि यह अपने मूल यानी कोविड-19 से कितना अलग दिखाई देता है.
The first photo of the #OmicronVariant (B.1.1.529), SARS-CoV-2 Variant of Concern, at the Bambino Gesù Children’s Hospital in Rome pic.twitter.com/tCuujpeqsY
— Dimitrios Varvaras MD, PhD (@MdVarvaras) November 28, 2021
जानकारी के अनुसार ओमिक्रॉन की पहली तस्वीर इटली की राजधानी रोम के बेम्बिनो गेसो हॉस्पिटल में किए गए उस शोध के बाद जारी की गई, जिसको मिलान के स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर क्लॉडिया अल्टेरी लीड कर रहे थे. जबकि प्रोफेसर कार्लो फेदेरिको पर्नो ने इस शोध में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी निभाई थी. शोध के बाद जो तस्वीर सामने आई है, उसमें ओमिक्रॉन स्पाइक प्रोटीन की बनावट को देखा जा सकता है. वैज्ञानिकों के अनुसार तस्वीर ने साफ कर दिया है कि ओमिक्रॉन का म्यूटेशन रेट डेल्टा वैरिएंट से कहीं अधिक है.
भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने जानकारी देते हुए बताया कि अगर वायरस के स्पाइक प्रोटीन वाले हिस्से में म्यूटेशन होता है तो वो वेरिएंट इम्युनिटी से बचने की क्षमता विकसित कर सकता है. इसका मतलब यह हुआ कि कोरोना वैक्सीन से बनी रोग प्रतिरोधक क्षमता का इस पर कोई असर नहीं होता.
Source : News Nation Bureau