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जम्मू-कश्मीर पर भारत ने पाकिस्तान के दोस्त तुर्की और IOC को लताड़ा

जिनेवा में भारत के स्थायी मिशन के प्रथम सचिव पवन बाथे ने परिषद में पाकिस्तान, तुर्की और ओआईसी द्वारा दिए गए बयानों के जवाब में उन्हें जमकर लताड़ा.

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Nihar Saxena
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UNSC

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में भारत के प्रथम सचिव बाथे.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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भारत ने जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNSC) के सत्र में तुर्की और इस्लामिक सहयोग संगठन (IOC) को फटकार लगाई. इसके साथ ही भारत ने सीमा पार से आतंकवाद (Terrorism) और अल्पसंख्यकों (Minority) पर अत्याचार को लेकर पाकिस्तान को भी शर्मसार किया. जिनेवा में भारत के स्थायी मिशन के प्रथम सचिव पवन बाथे ने परिषद में पाकिस्तान, तुर्की और ओआईसी द्वारा दिए गए बयानों के जवाब में उन्हें जमकर लताड़ा. उन्होंने भारत के आंतरिक मामलों, विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के मुद्दे पर की गई टिप्पणियों को खारिज कर दिया. पाकिस्तान, तुर्की और ओआईसी ने कश्मीर को लेकर भारत पर कई झूठे आरोप लगाए थे, जिसे बाथे ने निराधार करार दिया.

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पाकिस्तान के एजेंडे को नहीं बढ़ाए आगे
ओआईसी, तुर्की और पाकिस्तान को जवाब देते हुए बाथे ने कहा, 'जम्मू एवं कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है. ओआईसी के पास भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है. बाथे ने कहा कि ओआईसी ने पाकिस्तानी के इशारे पर एक एजेंडे के तहत ऐसा कहा. उन्होंने कहा कि ओआईसी के सदस्यों को यह तय करना है कि पाकिस्तान को ऐसा करने की अनुमति देना उनके हित में है या नहीं.

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आतंकियों को ट्रेन करता है पाकिस्तान
इसके साथ ही उन्होंने तुर्की को भी भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने से परहेज करने की सलाह दी. इस्लामाबाद के खिलाफ कड़े शब्दों का इस्तेमाल करते हुए बाथे ने कहा कि पाकिस्तान की आदत बन गई है कि वह अपने दुर्भावनापूर्ण उद्देश्यों के लिए झूठे और मनगढ़ंत आरोपों के जरिए भारत को बदनाम करने की साजिश रच रहा है. उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध सूची में शामिल लोगों को पेंशन देने का गौरव प्राप्त है. उनके पास एक ऐसा प्रधानमंत्री भी है जो जम्मू-कश्मीर में लड़ने के लिए हजारों आतंकवादियों को प्रशिक्षित करने की बात को गर्व से स्वीकारता है.'

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अपनी गिरेबां में झांके
इसके साथ ही बाथे ने पाकिस्तान को अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की दुर्दशा पर भी खटी-खोटी सुनाई. उन्होंने मानवाधिकार मामलों पर पाकिस्तान को जमकर घेरा. भारतीय राजनयिक ने कहा कि यह आश्चर्य की बात नहीं है कि अन्य प्रासंगिक बहुपक्षीय संस्थाओं ने पाकिस्तान की ओर से आतंक के वित्तपोषण को रोकने में विफलता पर चिंता जताई है. इसके साथ ही विभिन्न संस्थानों ने पाकिस्तान में सभी आतंकवादी संस्थाओं के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की कमी पर भी गंभीर चिंता जताई है.

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बलूचिस्तान में पाकिस्तान ढा रहा कहर
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेशों में पाकिस्तान के नापाक मंसूबे जारी हैं. उन्होंने पाकिस्तान में हजारों सिख, हिंदू एवं ईसाई अल्पसंख्यक महिलाओं और लड़कियों के अपहरण, जबरन निकाह और धर्मांतरण का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने पाकिस्तान के बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा और सिंध में लोगों की दुर्दशा मानवाधिकार हनन जैसे मामलों की पोल भी खोली. परिषद के भारतीय प्रतिनिधि ने कहा, 'एक भी ऐसा दिन नहीं गया है, जब बलूचिस्तान में किसी परिवार के सदस्य का पाकिस्तानी सुरक्षाबलों द्वारा अपहरण न किया गया हो.'

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