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'गायकी' की इतनी बड़ी कीमत... पुलिस ने घंटों रखा हिरासत में, माफीनामा लिखवाया

अलोम का आरोप है कि ढाका पुलिस ने उससे कहा कि वह गायक कहलाने के भी लायक नहीं है. खासकर रवींद्रनाथ और इस्लाम के गीतों के साथ तो बिल्कुल भी छेड़छाड़ नहीं करे. ढाका पुलिस ने उसे माफीनामा लिखवाने के बाद ही हिरासत से छोड़ा.

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Nihar Saxena
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अलोम का आरोप शास्त्रीय गीत गाने पर पुलिस ने किया मानसिक उत्पीड़न.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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बगैर सुर-लय-ताल के गाने गाकर इंटरनेट सेंसेशन बने बांग्लादेशी गायक 'हीरो' अलोम को बेसुरी आवाज में शास्त्रीय संगीत से जुड़े गाने गाना बहुत महंगा पड़ गया. शास्त्रीय गीतों की उसकी दर्दनाक प्रस्तुतियों को रोकने को लेकर लोगों की शिकायत पर ढाका पुलिस ने अलोम को सुबह तड़के उठा लिया और शाम तक हिरासत में रखा. उसे पुलिस ने तभी छोड़ा जब उसने लोगों से माफी मांग शास्त्रीय गीतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करने का वादा किया. हालांकि अलोम की हिरासत में रखने पर बांग्लादेश के सोशल मीडिया में उबाल सा आया हुआ है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अलोम अपनी खास 'स्टाइल' के चलते लोगों का चहेता बना हुआ है. उसके फेसबुक पर 20 लाख फॉलोअर्स हैं तो यू-ट्यूब पर 15 लाख. ये फॉलोअर्स अलोम ने अपनी अलग 'आउट ऑफ ट्यून' गायन शैली और निम्न दर्जे को वीडियो से बनाए हैं. ''

करोड़ों व्यूज मिलते हैं अलोम के वीडियो को
सोशल मीडिया पर उसकी लोकप्रियता का आलम यह है कि उसके एक गाने 'अरेबियन नाइट्स' को एक करोड़ 70 लाख व्यूज मिले थे. इस गाने में वह परंपरागत अरबी पहनावे के साथ नमूंदार हुआ था. पृष्ठभूमि में रेत के टीले और ऊंट दिखाए गए थे. यह अलग बात है कि उसके आलोचक भी कम नहीं हैं. खासकर दो वैश्विक नायक नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर और बांग्लादेश के राष्ट्र कवि काजी नजरुल इस्लाम के दो गानों को अपनी भौंडी आवाज में गाकर अलोम ने मानो बर्र के छत्ते में हाथ दे दिया. अलोम का आरोप है कि ढाका पुलिस ने अल सुबह उसे घर से उठाकर शास्त्रीय गीतों की प्रस्तुति देने से रोकने के लिए घंटों मानसिक उत्पीड़न किया. अलोम का आरोप है कि ढाका पुलिस ने उससे कहा कि वह गायक कहलाने के भी लायक नहीं है. खासकर रवींद्रनाथ और इस्लाम के गीतों के साथ तो बिल्कुल भी छेड़छाड़ नहीं करे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ढाका पुलिस ने उसे माफीनामा लिखवाने के बाद ही हिरासत से छोड़ा.

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पुलिस ने माफीनामा लिखवा कर छोड़ा
ढाका के चीफ डिटेक्टिव हारुन उर रशिद के मुताबिक अलोम ने कर्णप्रिय गीतों की भौंडी प्रस्तुति के लिए माफी मांगी. साथ ही बगैर पुलिस की इजाजत अपने वीडियो में पुलिस की वर्दी पहनने के लिए भी क्षमायाचना की. हारुन रशीद के मुताबिक अलोम के खिलाफ कई लोगों ने शिकायतें की थीं. अलोम ने गायन की परंपरागत शैली को ही बदल कर रख दिया है. ढाका पुलिस के मुताबिक अलोम ने आगे से शास्त्रीय गीतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करने का वादा किया है. यह अलग बात है कि पुलिस के मानसिक उत्पीड़न के बाद अलोम ने एक और वीडियो जारी कर दिया है, जिसमें कैदियों की पोशाक में सलाखों के पीछे अलोम खुद को फांसी पर लटकाए जाने का इंतजार करता दिख रहा है. वह भी एक और भौंडी आवाज में दर्दभरा नग़मा गाते हुए.

HIGHLIGHTS

  • रवींद्रनाथ टैगोर और काजी नजरुल इस्लाम के गीत गाना पड़ा महंगा
  • लोगों की शिकायत पर ढाका पुलिस ने इंटरनेट सेंसेशन को उठाया
  • घंटों थाने में की पूछताछ पिर माफीनामा लिखवा कर छोड़ा
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