पाकिस्तान में एक बार फिर चांद का दीदार 'वैज्ञानिक तरीकों' बनाम 'परंपरागत धार्मिक तरीकों' के बीच की बहस का गवाह बना. शनिवार को ईद के चांद के दीदार के लिए देश के नामी उलेमा रुय्यते हिलाल कमेटी के तहत चांद देखने के लिए इकट्ठा हुए. मुफ्ती मुनीब उर रहमान की अगुवाई में उलेमा कुछ कहते, इसके पहले ही विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी (Fawad Chaudhary) ने कहा कि चांद आज ही (शनिवार को) निकलेगा और ईद रविवार को ही होगी. कुछ देर बाद उलेमा ने भी यही ऐलान किया कि पाकिस्तान में ईद रविवार को होगी. इससे पहले भी फवाद चांद देखे बगैर कुछ अवसरों पर यह बता चुके हैं कि पहली का चांद अमुक तिथि पर निकलेगा और पर्व अमुक तिथि पर होगा.
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उलेमा का कहना है कि धर्म बिना चांद का दीदार किए इसके निकलने की घोषणा करने की इजाजत नहीं देता. फवाद ने शनिवार को एक बार फिर कहा कि चांद देखने के लिए बनाई गईं रुय्यते हिलाल कमेटियों को भंग करना चाहिए. विज्ञान ने इतनी प्रगति कर ली है कि चांद के निकलने की बिलकुल सही तारीख पहले से बताई जा सकती है. इसके लिए पूरे देश को 'सस्पेंस' में नहीं रखा जाना चाहिए.
फवाद ने कहा कि वह इस धारणा के बिलकुल खिलाफ हैं कि चांद को देखने में प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा, "इस्लाम ज्ञान का धर्म है. जो कोई कहता है कि चांद देखने में प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए, मैं उसकी इस राय को खारिज करता हूं. जब आप चश्मा पहनते हैं तो यह भी प्रौद्योगिकी है. आप ऐसे कैसे कह सकते हैं कि चश्मे से देखना तो हलाल (सही) है लेकिन टेलीस्कोप से देखना हराम (गलत) है."
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अपने मुखर अंदाज के लिए मशहूर फवाद ने इस मामले में सरकार को भी आड़े हाथ लिया और कहा कि सभी धार्मिक समूहों को समायोजित करने के चक्कर में सांप्रदायिक तत्व मजबूत होते हैं. हम देखते हैं कि हर साल राज्य ईद के चांद के दीदार के विवाद में इन समूहों को अहमियत देता है जबकि अहमियत संविधान और बुद्धि को दी जानी चाहिए. उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में विभिन्न विज्ञानसम्मत तरीकों को बताते हुए यहां तक बताया कि भौगोलिक हिसाब से चांद देश के किस-किस हिस्से में बिलकुल साफ दिखेगा.
फवाद की प्रेस कांफ्रेंस के कुछ घंटे बाद, देश भर से चांद निकलने की गवाही लेने के बाद रुय्यते हिलाल कमेटी के प्रमुख मुफ्ती मुनीब उर रहमान ने भी ऐलान किया कि ईद देश में रविवार को मनाई जाएगी. उन्होंने इस अवसर पर प्रधानमंत्री इमरान खान से आग्रह किया कि वह अपनी सरकार के मंत्री को धार्मिक मामलों में दखल देने से रोकें. मुफ्ती ने कहा, "फवाद चौधरी की कोई हैसियत नहीं है. हम शरीयत के मुताबिक चलेंगे. चौधरी ने कहा था कि साल 2022 तक कोई पाकिस्तानी अंतरिक्ष जाएगा. उन्हें इसी पर दिमाग लगाना चाहिए."
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मुफ्ती ने यहां तक कहा कि 'सरकार के अंदर कुछ अनजाने मुद्दों के कारण' कैबिनेट के कई लोग अपना अलग ही रास्ता चुन ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि चौधरी को अपनी 'निराशाओं और उपेक्षाओं के लिए' धर्म पर निशाना नहीं साधना चाहिए. इस तकरार पर सोशल मीडिया पर जमकर चुटकी ली गई. एक यूजर ने भारतीय अभिनेता आमिर खान की फिल्म दंगल का एक चित्र पोस्ट कर ट्विटर लिखा कि 'मुफ्ती और मंत्री में दंगल चल रहा है. देखते हैं कौन जीतता है.'
Source : IANS