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सेना प्रमुख की सेवानिवृत्ति की तारीख निकट आने पर पाक सेना चुप

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा की सेवानिवृत्ति की तारीख नजदीक आने पर उनके विकल्प पर विचार करने के लिए हो रही बैठकों के संबंध फिलहाल सेना कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.  डॉन न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक रावलपिंडी, लंदन और लाहौर में गहन विचार-विमर्श चल रहा है और अगले कुछ दिन बहुत महत्वपूर्ण हैं. इनमें से सबसे अहम बैठक रावलपिंडी में हुई, जहां मंगलवार को सेना के कोर कमांडरों की जनरल मुख्यालय में बैठक हुई. इसकी अध्यक्षता जनरल बाजवा ने की.

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IANS
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Qamar Javed Bajwa

(source : IANS)( Photo Credit : Twitter)

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पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा की सेवानिवृत्ति की तारीख नजदीक आने पर उनके विकल्प पर विचार करने के लिए हो रही बैठकों के संबंध फिलहाल सेना कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.  डॉन न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक रावलपिंडी, लंदन और लाहौर में गहन विचार-विमर्श चल रहा है और अगले कुछ दिन बहुत महत्वपूर्ण हैं. इनमें से सबसे अहम बैठक रावलपिंडी में हुई, जहां मंगलवार को सेना के कोर कमांडरों की जनरल मुख्यालय में बैठक हुई. इसकी अध्यक्षता जनरल बाजवा ने की.

डॉन के मुताबिक दो बातों ने बैठक को अत्यंत महत्वपूर्ण बना दिया. सेना में कमान का आसन्न परिवर्तन और देश में तनावपूर्ण राजनीतिक माहौल. हालांकि आईएसपीआर द्वारा कोई मीडिया बयान जारी नहीं किया गया था, जो अटकलों के बावजूद मामले पर चुप्पी साधे हुए है. आने वाले दिनों में होने वाली घटनाएं ही यह बता सकती हैं कि क्या निर्णय लिए गए थे. बुधवार को जनरल बाजवा की पेशावर की संक्षिप्त यात्रा, जहां उन्होंने पेशावर कोर के अधिकारियों को संबोधित किया, उनकी विदाई यात्रा के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है.

इससे पता चलता है कि जनरल 29 नवंबर को सेवामुक्त होने के अपने फैसले पर अड़े हुए हैं. डॉन की रिपोर्ट के अनुसार कुछ सेवानिवृत्त अधिकारियों का कहना है कि जनरल बाजवा के उत्तराधिकारी के चयन की प्रक्रिया पर विचार-विमर्श के अलावा कमांडरों ने राजनीतिक स्थिति और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) द्वारा सेना के अधिकारियों की लगातार आलोचना पर भी चर्चा की. डान के मुताबिक ऐसा कहा जाता है कि सेना पीटीआई के साथ अपने तनाव को कम करना चाहती है, ताकि नया प्रमुख तय समय में पद ग्रहण कर सके. इसलिए दोनों पक्षों पर अगले चुनावों की तारीख पर एक समझौते पर पहुंचने का दबाव है, जो पीटीआई के लॉन्ग मार्च को समाप्त कर सकता है.

राजनीतिक गतिरोध को समाप्त करने के इस नए प्रयास में राष्ट्रपति आरिफ अल्वी भी सक्रिय हैं. हाल ही में उन्होंने सैन्य नेतृत्व के साथ मुलाकात की. इसकी जानकारी उन्होंने पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान को भी दिया, जब वह उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछताछ करने गए थे. उधर मंगलवार रात मिश्र के शर्म-अल-शेख से पाकिस्तान चले प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अचानक कतर से होते हुए अपने बड़े भाई नवाज शरीफ से मिलने के लिए लंदन के लिए उड़ान पकड़ ली.

पीएमएल-एन के एक सूत्र ने कहा कि प्रधानमंत्री की, लंदन की यात्रा कुछ ऐसे मुद्दों को तय करने में मदद कर सकती है, जो कुछ समय से लंबित थे और उसके लिए बड़े शरीफ और परिवार में महत्वपूर्ण अन्य लोगों के साथ आमने-सामने बैठक की आवश्यकता थी. इन मुद्दों में नए सेना प्रमुख की नियुक्ति, अगले चुनावों से जुड़े मामले, पीटीआई से निपटने की रणनीति और खोई हुई राजनीतिक विश्वसनीयता को फिर से हासिल करना शामिल है.

एक राजनीतिक सूत्र के अनुसार शरीफ परिवार अगले कुछ दिनों में इन मुद्दों पर अपने सहयोगियों से बात करेगा. उधर, पीटीआई अध्यक्ष ने लाहौर में अपने शीर्ष विश्वासपात्रों से मुलाकात की और सेना के साथ बैकचैनल पर चर्चा की. पार्टी के एक सूत्र ने कहा कि खान इस बात पर अड़े हैं कि वह किसी भी चीज से समझौता नहीं कर सकते हैं और गेंद अब सरकार के पाले में है.

Source : IANS

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