लोकतांत्रिक देशों की पैरवी करने वाला अमेरिका इन दिनों भारत को तरजीह देता नजर आ रहा है. यही वजह है कि वर्चुअल डेमोक्रेसी सम्मेलन के लिये अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भारत को निमंत्रण भेजा है. इसके साथ ही अमेरिका ने पाकिस्तान और चीन को दरकिनार किया है. जिससे साफ पता चलता है कि भारत जहां अमेरिकी राष्ट्रपति की गुड बुक में जगह बनाने में कामयाब रहा है, वहीं यूएस ने पाक और चीन को निमंत्रण न भेजकर कड़ा संदेश दिया है. विशेषज्ञों की मानें तो अमेरिका ने ऐसा कर साफ जता दिया है कि पाकिस्तान और चीन में लोकतांत्रिक मूल्यों की अनदेखी हो रही है. दरअसल, अमेरिका में वर्चुअल और भारत में लोकतांत्रिक देशों का सबसे बड़ा रियल सम्मेलन हो रहा है. वर्चुअल डेमोक्रेसी सम्मेलन के लिये अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने 9-10 दिसंबर को भारत समेत 110 लोकतांत्रिक देशों को न्यौता भेजा है. वहीं भारत ने भी आजादी के 75वें अमृत महोत्सव के मौके पर 75 लोकतांत्रिक देशों को निमंत्रण भेजा है. भारत की ज़मीन पर होने वाले इस आयोजन में भारतीय लोकतंत्र से दुनिया रूबरु होगी. लेकिन दिलचस्प बात यह है कि भारत के न्योते में चीन, पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान जैसे देश शामिल नहीं है। यानी यह निमंत्रण केवल लोकतांत्रिक देशों के लिए है और चीन, पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान जैसे देशों के लिये नही जहाँ लोकतंत्र का कोई वजूद नहीं है।
भारत में प्रतिनिधिमंडल का आना शुरू
नेक्स्ट-जनरेशन डेमोक्रेसी नाम के इस कार्यक्रम के तहत 8 देशों का पहला प्रतिनिधिमंडल भारत पहुंच चुका है। पहला प्रतिनिधिमंडल 25 नवंबर से 2 दिसंबर तक भारत दौरे पर रहेगा। इस प्रतिनिधिमंडल में भूटान, स्वीडन, जमैका, तंज़ानिया, श्रीलंका, पोलैंड, उज़्बेकिस्तान और मलेशिया शामिल है। इन देशों के 35 साल से कम उम्र के युवाओं को इस कार्यक्रम में शामिल किया जा रहा है और ICCR यानी भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद इस कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। पहले प्रतिनिधिमंडल में विदेशी मेहमान दिल्ली के रेड फोर्ट और पुरानी दिल्ली का दौरा करेंगे, साथ ही वहां पकवानों का लुत्फ उठाएंगे। यह विदेशी मेहमान ताज महल भी जाएंगे और गुजरात के महात्मा मंदिर का भी दौरा करेंगे। उनकी मुलाकात गुजरात के मुख्यमंत्री से भी तय है। वहीं उन्हें अमूल डेरी के साथ साथ स्टेचू ऑफ यूनिटी का भी दौरा कराया जाएगा।
आईडिया ऑफ इंडिया से परिचित कराना मकसद
इस कार्यक्रम का मकसद 75 लोकतांत्रिक देशों के लीडर्स को भारत की संस्कृति, विरासत और आईडिया ऑफ इंडिया से परिचित कराना है. इस कार्यक्रम के ज़रिए वैश्विक मुद्दों को संबोधित करने में भारत के योगदान को भी प्रदर्शित किया जाएगा. यह कार्यक्रम पूरा साल चलेगा और इसके दौरान 60 लोकतांत्रिक देशों के प्रतिनिधि और 15 ग्लोबल फोरम जिसमें वर्ल्ड बैंक, ASEAN, ब्रिक्स और बिम्सटेक जैसे समूहों से भी प्रतिनिधि भारत आएंगे.
Source : Madhurendra Kumar