एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चाबहार बंदरगाह के पहले चरण के उद्घाटन समारोह के समय ईरान के प्रधानमंत्री के साथ पाकिस्तानी मंत्री की उपस्थिति को दोनों देशों के संबंधों में आए महत्वपूर्ण बदलाव के रूप में देखा जा रहा है।
हालांकि पाकिस्तान इस रणनीतिक परियोजना का हिस्सा ही नहीं है।
आपको बता दें कि पिछले हफ्ते इस परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी ने किया था। इस अवसर पर पाकिस्तान के बंदरगाह मंत्री हासिल खान बिजेंजो भी उनके साथ खड़े नजर आए थे।
पाकिस्तानी अखबार 'एक्सप्रेस ट्रिब्यून' ने इस बारे में लिखा है, 'यह कोई संयोग नहीं है। हासिल खान बिजेंजो का रुहानी के पास खड़े होना पाकिस्तान का एक सोचा-समझा कदम है।'
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अखबार ने ईरान के वरिष्ठ राजनयिक के हवाले से लिखा कि इस कदम का उद्देश्य स्पष्ट है, ईरान यह स्पष्ट संदेश देना चाहता है कि वह भारत या किसी अन्य देश को चाबहार का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ करने की इजाजत नहीं देगा।
अखबार ने कहा, 'सऊदी की अगुवाई वाली आतंकवाद विरोधी गठबंधन में पाकिस्तान की सहभागिता के साथ-साथ यह बदलाव भी महत्वपूर्ण है।'
अखबार ने टिप्पणी करते हुए कहा कि ईरान व पाकिस्तान के बीच इस तरह के सहयोग का यह मामला दोनों पड़ोसी देशों के रिश्तों में आए महत्वूपर्ण बदलाव का संकेत है।
आपको बता दें कि ईरान के चाबहार पोर्ट के पहले फेज का उद्घाटन भारत के लिए बड़ी उपलब्धि माना जा रहा था।
इस पोर्ट की मदद से भारत अब पाकिस्तान से गुजरे बिना ही अफगानिस्तान पहुंचा जा सकता है। ऐसा माना जा रहा था कि रणनीतिक स्तर पर यह पोर्ट पाकिस्तान को भारत की ताकत दिखाएगा।
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Source : News Nation Bureau