पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने 26/11 मुंबई हमले के मास्टरमांइड हाफ़िज़ सईद के संगठऩ जमात-उद-दावा (JUD) और इसके मानवीय हाथ फ़लाही इंसानियत फाउंडेशन (FIF) को राहत और दान सेवा जैसे सामाजिक कार्य जारी रखने की अनुमति दी है। जियो न्यूज़ के मुताबिक यह आदेश कोर्ट के दो सदस्यीय बेंच मंज़ूर अहमद और जस्टिस सरदार तारिक़ मसूद द्वारा लाहौर कोर्ट के फैसले के ख़िलाफ़ पाकिस्तान सरकार की अपील पर सुनवाई करते हुए सुनाई गई।
जियो समाचार के अनुसार दो आतंकवाद विरोधी अधिकारियों ने बताया है कि कथित तौर पर जमात-उद-दावा नेटवर्क के अंतर्गत 300 मदरसे और स्कूल, कई अस्पताल, एक प्रकाशन संस्था और एम्बुलेंस सेवाएं चलाई जा रही है।
जमात-उद-दावा (JUD) और फ़लाही इंसानियत फाउंडेशन (FIF) के पास 50,000 वालंटियर और 100 दूसरे वेतन भोगी श्रमिक भी हैं।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट का यह फ़ैसला इसलिए महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि इससे पहले पाकिस्तान सरकार ने हाफ़िज़ सईद के उन संगठनों की फंडिंग बंद कर दी थी जिसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने आतंकी संगठन माना था। ज़ाहिर है कि अल क़ायदा, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, लश्कर-ए-झांगवी, JUD, FIF, लश्कर-ए-तैयबा और कई अन्य संगठनों के नाम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सूची में शामिल है।
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सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पाकिस्तान सरकार के पास विकल्प नहीं बचा है। फिर भी कहा जा रहा कि पाकिस्तान सरकार इस फैसले के खिलाफ पुर्नविचार याचिका जरूर दायर करेगी क्योंकि उसे दुनिया के सामने दिखाना होगा कि वह आतंक के खिलाफ लड़ाई को लेकर गंभीर है।
Source : News Nation Bureau