जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) से आर्टिकल-370 हटने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित से पाकिस्तान बौखला गया है. इसके बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ व्यापार को रोक दिया था, लेकिन उसका यह कदम उस पर ही भारी पड़ रहा है. अभी व्यापार बंद किए एक महीने भी नहीं हुए थे कि पाकिस्तान के तेवर ढीले पड़ने लगे हैं. जीवनरक्षक दवाओं की कमी के बाद पकिस्तान ने मंगलवार को भारत के साथ आंशिक व्यापार को बहाल कर दिया है. पाकिस्तान ने भारत से जीवनरक्षक दवाओं के आयात को मंजूरी दी है.
यह भी पढ़ेंःअयोध्या केस SC में सनवाई का 18वां दिन: रामलला का प्रकट होना दैवीय चमत्कार नहीं, बल्कि साजिश थी : मुस्लिम पक्ष
पाकिस्तान की ओर से भारत को ताजे फल, सीमेंट, खनिज और अयस्क, तैयार चमड़ा, प्रसंस्कृत खाद्य, अकार्बनिक रसायन, कच्चा कपास, मसाले, ऊन, रबड़ उत्पाद, अल्कोहल पेय, चिकित्सा उपकरण, समुद्री सामान, प्लास्टिक, डाई और खेल का सामान निर्यात किया जाता था, जबकि भारत से निर्यात किए जाने वाले जिंसों में जैविक रसायन, कपास, प्लास्टिक उत्पाद, अनाज, चीनी, कॉफी, चाय, लौह और स्टील के सामान, दवा और तांबा आदि शामिल हैं.
पाकिस्तान बड़ी मात्रा में भारतीय दवाओं का आयात करता है. जीवन रक्षक दवाओं से लेकर सांप-कुत्ते के जहर से बचाने वाली दवाओं तक के लिए वह काफी हद तक भारत पर निर्भर है. जुलाई में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ने 16 महीनों में भारत से 250 करोड़ रुपये से ज्यादा के रेबीजरोधी तथा विषरोधी टीकों की खरीदारी की थी. भारत और पाकिस्तान के बीच 2017-18 में महज 2.4 अरब डॉलर का व्यापार हुआ, जो भारत का दुनिया के साथ कुल व्यापार का महज 0.31 फीसदी है और पाकिस्तान के ग्लोबल ट्रेड का 3.2 पर्सेंट. कुल द्विपक्षीय व्यापार में करीब 80 फीसदी हिस्सा पाकिस्तान में भारतीय निर्यात का है.
यह भी पढ़ेंःपाकिस्तान में सिख लड़की के धर्म परिवर्तन पर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कही ये बात
कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाए जाने की बौखलाहट में पाकिस्तान ने भारत के साथ बिजनस बंद करने का ऐलान तो कर दिया, लेकिन अपना यह फैसला उसके लिए फजीहत की वजह बन गया है. दवाइयों की कमी के कारण मजबूरी में उसे आंशिक व्यापार बहाली का कदम उठाना पड़ा.