पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से मुलाकात के दौरान देश के शीर्ष कारोबारी इमरान सरकार की नीतियों पर गुस्से में फट पड़े. उन्होंने अर्थव्यवस्था की हालत पर गंभीर चिंता जताते हुए इससे निपटने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे 'उदासीन प्रयासों' की जमकर आलोचना की. जवाब में जनरल बाजवा ने उनसे हमदर्दी जताई, कहा कि वह उनकी पीड़ा को समझ रहे हैं और सलाह दी कि वे सरकार का साथ दें और सरकार विरोधी तत्वों के साथ न खड़े हों.
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पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, यह मुलाकात बुधवार को डिनर पर हुई और काफी देर तक चली. रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया कि उद्यमियों की मुख्य शिकायत यह थी कि सरकार केवल बातें करती हैं और उसकी कथनी और करनी में बहुत अंतर है. मुलाकात की अंदरूनी जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि करीब बीस सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने सैन्य प्रमुख से मुलाकात की. बाजवा ने उन्हें अपनी तरफ से हर संभव मदद का भरोसा दिलाया.
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि सैन्य अफसरों की एक आंतरिक समिति बनाई जा सकती है जो प्रतिनिधियों की शिकायत के समाधान की दिशा में काम करे. बाजवा ने देश के प्रमुख उद्यमियों से कहा कि 'हम सभी पाकिस्तान से प्यार करते हैं और देश को उनकी सबसे अधिक जरूरत है.' कारोबारियों ने सरकार के खिलाफ अपने गुस्से को व्यक्त करने में कोई कोताही नहीं की.
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उन्होंने सैन्य प्रमुख से कहा कि उनकी कारोबारी इकाइयां एक-एक कर बंद हो रही हैं. अगर यही हाल रहा तो देश में कारोबार सिरे से ठप पड़ जाएगा जिससे जो बेरोजगारी पैदा होगी, उसकी अभी कल्पना भी नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी समस्या यह है कि रोशनी की कोई किरण भी नजर नहीं आ रही है.
कारोबारियों ने कहा कि देश की जीडीपी अपने न्यूनतम स्तर पर और महंगाई उच्चतम स्तर पर है. और, इन हालात में एफबीआर टैक्स वसूली के नाम पर उन्हें बुरी तरह से निचोड़ रहा है. लागत का लगातार बढ़ते जाना कारोबार के लिए बड़ा संकट बन चुका है.