एमक्यूएम-पी के पाकिस्तान सरकार से अलग होने की घोषणा के कुछ घंटों बाद सूचना और प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश के सैन्य नेतृत्व से दो बार मुलाकात की. फिर भी किसी ने भी उनसे इस्तीफा देने के लिए नहीं कहा है और न ही ऐसा करने की उनकी योजना है. फवाद ने राजनीतिक संचार पर प्रधानमंत्री के विशेष सहायक शाहबाज गिल के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सत्तारूढ़ पीटीआई सैन्य नेतृत्व का सम्मान करता है. पीएमएल-एन सुप्रीमो नवाज शरीफ पर तंज कसते हुए फवाद ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री को एक समस्या थी क्योंकि उन्होंने संस्थानों को 'जीतने' की कोशिश की थी.
फवाद ने कहा कि इमरान खान पाकिस्तान की संप्रभुता के लिए लड़ेंगे. हम संसद के समक्ष एक बंद कमरे में पत्र पेश करेंगे. हम विपक्ष के साथ पत्र का विवरण साझा कर सकते हैं. कथित रूप से मौजूदा सरकार को धमकी देने वाले पत्र के बारे में बोलते हुए, फवाद ने कहा कि इस तरह की धमकी किसी भी स्वतंत्र देश के लिए अस्वीकार्य है. 27 मार्च को एक पीटीआई रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने खुलासा किया था कि विदेशी तत्व उनकी सरकार को गिराने के प्रयासों में शामिल है और हमारे अपने कुछ लोगों का इस संबंध में उपयोग किया जा रहा है. इसके बाद योजना, विकास और विशेष पहल मंत्री असद उमर ने आरोप लगाया था कि शरीफ ने विदेशी शक्तियों के साथ हाथ मिलाया है और खान के खिलाफ साजिश में शामिल है.
उमर ने दावा किया कि पीएमएल-एन सुप्रीमो लंदन में हैं और उन्होंने दूसरे देशों की खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों से मुलाकात की है. संघीय मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) का नेतृत्व पत्र से अनजान नहीं है. पाकिस्तान में हर पल बदलते घटनाक्रम के बीच इमरान खान पर इस्तीफे देने का दबाव बढ़ता जा रहा है.
HIGHLIGHTS
- MQM (P) के साथ छोड़ने से इमरान खान का संकट बढ़ा
- सैन्य प्रतिष्ठान को साधने की कोशिश कर रहे इमरान