प्रधानमंत्री इमरान खान की हाथ में भले ही पाकिस्तान की बागडोर है, लेकिन सरकार वहां की सेना चला रही है. अमेरिकी कांग्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तानी सेना देश, विदेश और सुरक्षा नीतियों पर हावी रही है. यानी सरकार का चेहरा इमरान खान है और चला सेना रही है. द्विदलीय कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस (सीआरएस) द्वारा अमेरिकी सांसदों के लिए रिपोर्ट तैयार किया गया है. इसमें जिक्र है कि प्रधानमंत्री चुने जाने से पहले इमरान खान को शासन का कोई अनुभव नहीं था. सेना ने नवाज शरीफ को हटाने के लिए चुनाव के दौरान घरेलू राजनीति में छेड़छाड़ की.
हालांकि रिपोर्ट में जिक्र है कि नया पाकिस्तान को लेकर इमरान खान की सोच वहां के लोगों को लुभाती है. उनकी सोच भ्रष्टाचार विरोधी, बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने वाले एक 'कल्याणकारी देश' के निर्माण पर जोर देती है. लेकिन इमरान खान की ये सोच धरातल पर नहीं उतर पा रही है. इसके पीछे पाकिस्तान की कंगाली जिम्मेदार है. गंभीर वित्तीय संकट और विदेश से और उधार लेने की आवश्यकता के कारण इमरान खान की कोशिश रंग नहीं ला पर रही है.
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इसके साथ ही रिपोर्ट में यह कहा गया है कि अधिकतर विश्लेषकों को लगता है कि पाकिस्तान का सैन्य प्रतिष्ठान विदेश और सुरक्षा नीतियों पर लगातार हावी रहा है.
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बता दें कि जुलाई महीने में अमेरिकी कांग्रेस के स्वतंत्र और द्विदलीय शोध विंग कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस (सीआरएस) ने हालिया रिपोर्ट में कहा था कि पाकिस्तान कई इस्लामी चरमपंथियों और आतंकवादी समूहों का पनाहगाह है. सीआरएस ने अपनी नई रिपोर्ट में सांसदों को बताया कि 2011 में अलकायदा के आतंकी ओसमा बिन लादेन ने पाकिस्तान में सालों तक शरण का आनंद उठाया. जिससे अमेरिकी सरकार ने द्विपक्षीय संबंधों की गहन जांच की.
बता दें कि सीआरएस अमेरिकी कांग्रेस की एक स्वतंत्र अनुसंधान शाखा है जो सांसदों के लिए रिपोर्ट तैयार करती है.
HIGHLIGHTS
- पाकिस्तान की इमरान सरकार सेना के आगे 'बेबस'
- पाकिस्तानी सेना देश, विदेश और सुरक्षा नीतियों पर हावी रही है
- द्विदलीय कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस ने अमेरिकी सांसदों के लिए तैयार की ये रिपोर्ट