पाकिस्तान ने आतकंवाद के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है. इस्लामाबाद ने आतंकवाद रोधी अभियान ‘अज्म-ए-इस्तेकाम’ की सफलता के लिए अमेरिका से आग्रह किया है कि उन्हें छोटे हथियार और आधुनिक उपकरणों की मदद करे. प्रधानंत्री शहबाज शरीफ ने हाल ही में अज्म-ए-इस्तेकाम सैन्य अभियान को मंजूरी दी है. पाकिस्तानी मीडिया ने राजदूत मसूद खान के हवाले से कहा कि पाकिस्तान सरकार ने आतंकियों को जड़ से खत्म करने के लिए अज्म-ए-इस्तेकाम नाम से अभियान शुरू किया है. हमें इसके लिए छोटे हथियारों और आधुनिक उपकरणों की अधिक आवश्यकता है. खान ने सप्ताह की शुरुआत में अमेरिकी अधिकारियों और नेताओं को संबोधित करते हुए अपने बात रखी.
टीटीपी से परेशान होकर पाकिस्तानी सरकार ने लिया फैसला
खान की मानें तो अज्म-ए-इस्तेकाम अभियान के तहत तीन चरण है. यह तीनों ही चरण- सैंद्धांतिक, सामाजिक और परिचालन काफी महत्वपूर्ण है. पहले दो चरणों पर पहले ही काम शुरू हो चुका है. तीसरे चरण को शीघ्र ही शुरू किया जाएगा. पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना है कि तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) के आंतकी सिलसिलेवार तरीके से देश में हमला कर रहे हैं. देशवासी इससे परेशान हैं. उनके आतंक से निपटने के लिए आतंकवाद रोधी अभियान शुरू करने का फैसला लिया गया.
अमेरिका को रिश्ते खराब नहीं करना चाहिए
पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान और अमेरिका को आपस में मजबूत रक्षा संबंध बनाकर रखना चाहिए. दोनों देशों को आपस में खुफिया सहयोग बढ़ाना चाहिए. अमेरिका को फिर से उन्नत हथियारों की बिक्री शुरू करनी चाहिए. अमेरिका में पदस्थ पाकिस्तानी राजदूत ने कहा कि आतंकवाद की लहर अमेरिका और उनके सहयोगियों के लिए भी खतरा है. क्षेत्रीय सुरक्षा सबकी जरूरत है. द्विपक्षीय संबंधों को जमीनी हकीकत पर आधारित होने चाहिए. सिर्फ कुछ मुद्दों के चलते इन्हें रोका नहीं जा सकता. एक-दो मुद्दों के चलते सभी रिश्तों को बिगाड़ना सही नहीं है और इसे बिगाड़ा भी नहीं जाना चाहिए.
भारत हमेशा करता है विरोध
बता दें, अमेरिका ने अब तक पाकिस्तान के आग्रह का कोई जवाब नहीं दिया है. भारत हमेशा पाकिस्तान के इस कार्रवाई का विरोध करता है. भारत का कहना है कि पाकिस्तान आतंकवाद के नाम पर दूसरे देशों से हथियार लेता है फिर भारत में उनका इस्तेमाल करता है. हाल ही में कश्मीर में मारे गए आतंकियों के पास अमेरिका के हथियार जब्त किए गए थे. भारत ने इस पर चिंता जाहिर की थी. अमेरिका ने इस पर सफाई दी थी और कहा था कि यह वही हथियार हैं, जो अफगानिस्ताान में छोड़ दिए गए थे.
Source : News Nation Bureau