पाकिस्तान (Pakistan) ने बकरीद के मौके पर कश्मीरियों का हवाला देते हुए एक बड़ा ऐलान किया है. पाकिस्तानी मीडिया नियामक प्राधिकरण ने कहा कि मीडिया संस्थान ईद-उल-अजहा पर पहले से रिकॉर्ड किए कार्यक्रमों या विशेष कार्यक्रमों को लाइव प्रसारित न करें, क्योंकि इससे न सिर्फ हमारे राष्ट्र, बल्कि कश्मीरी भाइयों की भावनाओं को भी चोट पहुंच सकती है. मीडिया ने यह जानकारी दी.
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नियामक प्राधिकरण ने अधिसूचना जारी कर कहा, कश्मीर (Kashmir) के साथ एकजुटता जताने को ईद-उल-अजहा को धार्मिक पर्व के रूप में सादगी के साथ मनाया जा रहा है. इसलिए यह अनुरोध किया जाता है कि कोई विशेष कार्यक्रम (पहले से रिकॉर्ड या नियोजित लाइव) न हो. ईद के जश्न के रूप में प्रसारित होने से न केवल हमारे राष्ट्र, बल्कि कश्मीरी भाइयों की भावनाओं को भी चोट पहुंच सकती है.
समाचार पत्र पाकिस्तान टुडे के अनुसार, अधिसूचना में कहा गया है कि पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस 14 अगस्त को बहादुर कश्मीरियों के साथ एकजुटता जताते हुए मनाया जाएगा. नियामक प्राधिकरण ने कहा है कि भारत के स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को काला दिवस के रूप में मनाया जाएगा और राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा. अधिसूचना में टीवी चैनलों को उस दिन अपने लोगो ब्लैक एंड व्हाइट करने की सलाह दी गई है.
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इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक ने 8 अगस्त को समाचार चैनलों को किसी भी प्रकार की टिप्पणियों और विश्लेषण के लिए अपने टॉक शो में किसी भी भारतीय सेलिब्रिटी, राजनेता, पत्रकार और विश्लेषकों को आमंत्रित नहीं करने का निर्देश दिया था. यह कदम भारत सरकार द्वारा 5 अगस्त को अपने संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को प्रदत्त विशेष दर्जे को समाप्त करने की घोषणा के बाद आया है. सरकार ने राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बदल दिया है, जिसमें से जम्मू-कश्मीर में विधानसभा होगी, लेकिन लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी.