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पाकिस्तान को भारी पड़ी कश्मीर पर ब्लैकमेलिंग, सऊदी अरब ने रोकी आर्थिक मदद

सऊदी अरब (Saudi Arab) ने इमरान खान (Imran Khan) सरकार द्वारा कश्मीर मुद्दे पर इस्लामिक देशों के संगठन (ओआईसी) को बांटने की धमकी देने के बाद पाकिस्तान के लिए ऋण पर तेल (Oil) की सहूलियत को रोक दिया है.

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Nihar Saxena
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Imran Khan

कश्मीर के मसले पर हर जगह मुंह की खा रहे इमरान खान.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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वैश्विक मंच पर अलग-थलग पड़ चुके पाकिस्तान (Pakistan) को अब इस्लामिक देशों के संगठन (OIC) के रहनुमा सऊदी अरब ने तगड़ा झटका दिया है. सऊदी अरब (Saudi Arab) ने इमरान खान (Imran Khan) सरकार द्वारा कश्मीर मुद्दे पर इस्लामिक देशों के संगठन (ओआईसी) को बांटने की धमकी देने के बाद पाकिस्तान के लिए ऋण पर तेल (Oil) की सहूलियत को रोक दिया है. अक्टूबर 2018 में सऊदी अरब ने पाकिस्तान को तीन साल के लिए 6.2 अरब डॉलर का वित्तीय पैकेज (Financial Package) देने का ऐलान किया था. इसमें तीन अरब डॉलर की नकद सहायता शामिल थी, जबकि बाकी रकम के एवज में पाकिस्तान को तेल और गैस की सप्लाई की जानी थी.

पाकिस्तान के बर्ताव पर सऊदी को आया गुस्सा
एक गंभीर आर्थिक संकट से घिरे पाकिस्तान ने सऊदी अरब से ऋण लिया था. पाकिस्तान के हालिया बर्ताव के कारण सऊदी ने अपने वित्तीय समर्थन को वापस ले लिया है. पाकिस्तानी मीडिया ने शनिवार को कहा कि इस्लामाबाद के लिए प्रावधान दो महीने पहले समाप्त हो गया है और इसे रियाद द्वारा रिन्यू नहीं किया गया है. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने पेट्रोलियम डिवीजन के प्रवक्ता साजिद काजी के हवाले से कहा कि इस्लामाबाद ने समय से चार महीने पहले ही एक अरब डॉलर का सऊदी का ऋण लौटा दिया है.

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पाक के विदेश मंत्री ने दी थी आईओसी को बांटने की धमकी
हाल ही में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक समाचार चैनल पर एक टॉक शो के दौरान धमकी दी थी कि अगर सऊदी अरब के नेतृत्व वाले ओआईसी ने कश्मीर मुद्दे पर मुस्लिम देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक नहीं बुलाई, तो प्रधानमंत्री इमरान खान अपने सहयोगी इस्लामी देशों के बीच बैठक करेंगे, जो इस मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ दे सकें. पाकिस्तानी न्यूज चैनल एआरवाई को दिए साक्षात्कार में कुरैशी ने कहा, मैं एक बार फिर से पूरे सम्मान के साथ ओआईसी से कहना चाहता हूं कि विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक हमारी अपेक्षा है. यदि आप इसे बुला नहीं सकते हैं तो मैं प्रधानमंत्री इमरान खान से यह कहने के लिए बाध्य हो जाऊंगा कि वह ऐसे इस्लामिक देशों की बैठक बुलाएं जो कश्मीर के मुद्दे पर हमारे साथ खड़े होने के लिए तैयार हैं.

सउदी अरब पाकिस्तान की कश्मीर पर तोतारटंत पर नहीं दे रहा ध्यान
विश्व में इस्लामी देशों के सबसे बड़े संगठन ओआईसी से पाकिस्तान कई बार गुजारिश कर चुका है कि वह कश्मीर मुद्दे पर एक बैठक आयोजित करे, मगर संगठन ने हर बार उसकी अपील को दरकिनार किया है. यही वजह है कि पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. दरअसल ओआईसी में किसी भी कदम के लिए सऊदी अरब का साथ सबसे ज्यादा जरूरी होता है. ओआईसी पर सऊदी अरब और उसके सहयोगी देशों का दबदबा है. कश्मीर पर सऊदी अरब के कदम नहीं उठाने से पाकिस्तान की कुंठा बढ़ती ही जा रही है.

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कश्मीर मसले पर बौखलाया है पाकिस्तान
पिछले साल अगस्त में भारत ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को निरस्त कर दिया था, जिसके बाद जम्मू-कश्मीर दो हिस्सों लद्दाख व जम्मू-कश्मीर में केंद्र शासित प्रदेश के तौर पर बांट दिया गया. पाकिस्तान भारत के इस कदम का विरोध कर रहा है और इमरान खान सरकार इस मुद्दे पर 57 सदस्यीय ओआईसी का समर्थन मांग रही है. यह अलग बात है कि सऊदी अरब अपनी भारत से दोस्ती की खातिर पाकिस्तान की इस मांग पर कान तक नहीं दे रहा है.

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