चीन के महत्वाकांक्षी प्रॉजेक्ट CPEC के कारण पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बाल्टिस्तान में पर्यावरण पर बुरा असर पड़ रहा है।
इस प्रोजेक्ट के कारण एक या दो नहीं बल्कि 36 ग्लेशियर पिघल रहे हैं और इनके स्तर को खतरनाक की श्रेणी में रखा गया है। फोकस पाकिस्तान नाम के एक एनजीओ ने दावा किया है कि उसने सर्वे किया है जिसमें इस बात की पुष्टि हुई है।
एनजीओ के अनुसार 36 ग्लेशियर में से 7 तो क्षेत्र में रह रहे लोगों के लिए बहुत बड़ा खतरा साबित हो सकते हैं।
एनजीओ ने सर्वे करने के बाद इस्लाबाद में चल रहे एक सेमिनार में एक्सपर्ट्स ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के लिहाज से गिलगित-बाल्टिस्तान अत्याधिक संवेदनशील है।
सेमिनार में मौजूद गिलगित-बाल्टिस्तान आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों ने एक ऐसे उपकरण की मांग भी रखी जिससे आपदा के वक्त गांववालों को सुरक्षित रखा जा सके।
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गौरतलब है कि गिलगित-बाल्टिस्तान में अरबों-खरब डॉलर वाले चीन के महत्वकांक्षी चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे से जुड़े निर्माण कार्य की वजह से इस क्षेत्र में पर्यावरण को खतरा बढ़ गया है।
जंगलों को काटना, पहाड़ तोड़ना और वहानों की आवाजाही में भारी बढ़ोतरी की वजह से ग्लेशियरों पर भी खतरा मंडरा रहा है।
आपको बता दें कि भारत 60 अरब डॉलर की इस परियोजना को लेकर अपना विरोध जता चुका है क्योंकि यह प्रॉजेक्ट पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरता है। गिलगित-बाल्टिस्तान जम्मू-कश्मीर का हिस्सा है और 1947 से पाकिस्तान के कब्जे में है।
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Source : News Nation Bureau