पाकिस्तानी मीडिया की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि चीन के बीजिंग में इस हफ्ते हुई फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के संयुक्त समूह की बैठक में पाकिस्तान की रिपोर्ट पर संतोष जताया गया है. इस बैठक में पाकिस्तान का पक्ष आर्थिक मामलों के मंत्री हम्माद अजहर ने रखा है. आतंक वित्तपोषण व धनशोधन पर लगाम लगाने के लिए एफएटीएफ ने पाकिस्तान को कई कदम उठाने को कहा है. पाकिस्तान अभी एफएटीएफ की ग्रे सूची में है और आतंकवादियों को पनाह देने के मामले में उस पर एफएटीएफ की काली सूची में जाने का खतरा मंडरा रहा है.
पाकिस्तान के अखबार 'द न्यूज' ने उच्चपदस्थ सूत्रों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि एफएटीएफ ने जिन कदमों को उठाने के लिए पाकिस्तान से कहा था, उस पर बैठक में विचार किया गया. पाकिस्तान ने अपनी अनुपालन रिपोर्ट पेश की जिस पर 'भारत के अलावा अन्य सदस्य देशों ने संतोष जताया. इनमें अमेरिकी और यूरोपीय यूनियन के देश भी शामिल थे.'
रिपोर्ट में कहा गया है कि अब पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से निकलकर व्हाइट लिस्ट में आने के लिए राजनयिक प्रयासों को बढ़ाने की जरूरत है. एफएटीएफ की औपचारिक बैठक पेरिस में 16 फरवरी को होनी है. इसके 39 सदस्यों में से अगर 12 ने पाकिस्तान का पक्ष लिया तो वह ग्रे लिस्ट से बाहर आ जाएगा. अगर उसे तीन वोट मिले तो वह काली सूची में जाने से बच जाएगा. लेकिन, संभावना यही जताई जा रही है कि पाकिस्तान को कुछ और समय दिया जाएगा और उस पर कड़ी निगाह रखने के लिए उसे ग्रे लिस्ट में बनाए रखा जाएगा.
'द न्यूज' की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एफएटीएफ संयुक्त समूह की बीजिंग की बैठक में 'केवल भारत की तरफ से सख्त सवाल पूछे गए. लेकिन, अतीत से उलट इस बार अमेरिका और यूरोपीय देशों ने भारत का साथ नहीं दिया. किसी भी देश ने पाकिस्तान की अनुपालन रिपोर्ट पर सवाल नहीं उठाया.'
Source : IANS