पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने बड़ा झटका दिया है. संस्था ने देश का दौरा करने से इनकार कर दिया है और आगे की मदद के लिए नई शर्तें लागू की हैं. अपनी सिफारिशों के हिस्से के रूप में आईएमएफ ने पाकिस्तान से नए कर लगाने और 200 मिलियन के मिनी बजट पारित करने के लिए कहा है. ये कदम होगा जो मुद्रास्फीति की दर बढ़ा देगा. इससे आम आदमी पर अधिक बोझ पड़ेगा. पाकिस्तान में मुद्रास्फीति वर्तमान समय में 25 प्रतिशत के अंक पर है. इससे देश में राजनीतिक अस्थिरता को बढ़ावा मिलेगा.
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अंतरराष्ट्रीय संस्था के अनुसार, शर्तें पूरी होने के साथ ही वह नौवीं समीक्षा के लिए पाकिस्तान का दौरा करेगा. कर्ज की अगली किस्त शर्तों पर निर्भर करती है. डगमगाती अर्थव्यवस्था राजनीतिक वर्ग के लिए परेशान करने वाली है. मिनी बजट से जनता नाराज होगी. यदि पाकिस्तान और आईएमएफ आम सहमति पर पहुंंच जाते हैं, तो इस्लामाबाद को तुरंत कम से कम $1.2 बिलियन प्राप्त होंगे. सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और चीन के साथ-साथ संस्थागत ऋणदाता भी लोन देंगे. अगर पाकिस्तान शर्तों का सम्मान करने में विफल हो जाता है तो आईएमएफ बेलआउट पैकेज को मंजूरी नहीं देने वाला है. इसके साथ मित्र देश भी मदद से पीछे हट जाएंगे.
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था लंबे समय से खराब हालत में है. यहां राजनीतिक अनिश्चितता का दौर जारी है. यह कहना गलत नहीं है कि देश को उबरने के लिए एक लंबी लड़ाई का सामना करना होगा. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 4.56 अरब डॉलर के रिकॉर्ड निचले पायदान पर है. ये केवल तीन सप्ताह के लिए ही पर्याप्त है.
HIGHLIGHTS
- नौवीं समीक्षा के लिए पाकिस्तान का दौरा करेगा IMF
- 200 मिलियन के मिनी बजट पारित करने के लिए कहा
- पाकिस्तान में मुद्रास्फीति वर्तमान समय में 25 प्रतिशत के अंक पर है