पाकिस्तान में प्रतिभा पलायन की स्थिति इस साल और गंभीर हो गई. देश के साढ़े सात लाख से अधिक शिक्षित युवाओं ने मुख्य रूप से देश में घटते रोजगार के कारण विदेशों में रोजगार तलाशने का विकल्प चुना. एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया कि 2022 में 7लाख 65 हजार लोगों ने पाकिस्तान छोड़ा. 2021 में यह संख्या 2 लाख 25 हजार थी और 2020 में 2 लाख 88 हजार. इस साल डॉक्टरों, इंजीनियरों, सूचना प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों और एकाउंटेंट जैसे 92 हजार उच्च शिक्षित लोगों ने देश को छोड़ दिया.
उत्प्रवास ब्यूरो के अनुसार प्रवासियों की भारी संख्या मध्य पूर्वी देशों, मुख्य रूप से सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में गई. रोमानिया जाने में भी रुचि दिखाई गई. ब्यूरो के एक अधिकारी ने कहा, बिगड़ती आर्थिक स्थिति के प्रभाव के साथ-साथ राजनीतिक अनिश्चितता ने पाकिस्तान के कार्यबल को प्रभावित करना शुरू कर दिया है.
अधिकारी ने कहा, मुद्रास्फीति, बेरोजगारी और अनिश्चित आर्थिक और राजनीतिक स्थिति से परेशान उच्च शिक्षित लोगों सहित हजारों युवा हर साल रोजगार की तलाश में विदेश जा रहे हैं. ब्यूरो ऑफ इमिग्रेंट्स के अनुसार इस साल 7 लाख 65 हजार युवा विदेश गए. 2019 में 6 लाख 25 हजार उत्प्रवास के बाद दो वर्षों की गिरावट के उपरांत यह वृद्धि हुई है.
दस्तावेजों के अनुसार 2022 में देश छोड़ने वालों में 92 हजार से अधिक स्नातक, 3 लाख 50 हजार प्रशिक्षित लोग और इतनी ही संख्या में अप्रशिक्षित मजदूर विदेश गए. इनमें से 7 लाख 36 हजार लोग खाड़ी देशों में गए. प्रवासी शिक्षित युवाओं में 5,534 इंजीनियर, 18,000 एसोसिएट इलेक्ट्रिकल इंजीनियर, 2,500 डॉक्टर, 2,000 कंप्यूटर विशेषज्ञ, 6,500 लेखाकार, 2,600 कृषि विशेषज्ञ, 900 से अधिक शिक्षक, 12,000 कंप्यूटर ऑपरेटर, 1,600 नर्स और 21,517 तकनीशियन शामिल हैं. अकुशल श्रमिकों में 2 लाख 13 हजार ड्राइवर भी शामिल हैं.
आंकड़ों के अनुसार 7 लाख 30 हजार से अधिक युवा खाड़ी देशों में गए. इनमें 4 लाख 70 हजार सऊदी अरब, 1लाख 19 हजार यूएई, 77 हजार ओमान, 51 हजार 634 कतर और 2 हजार कुवैत गए. लगभग 40 हजार यूरोपऔर अन्य एशियाई देशों में गए. इसके अलावा 2 हजार इराक, 5 हजार मलेशिया, 602 चीन , 815 जापान और 136 तुर्की गए. 478 पाकिस्तानी सूडान गए.
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Source : IANS