पाकिस्तान (Pakistan) ने पिछले 18 महीनों में अपनी निगरानी सूची से 4,000 आतंकवादियों के नामों को हटा दिया है. इस सूची से उन लोगों के नाम भी हटाए गए हैं, जो 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों (Mumbai Attack) के प्रमुख योजनाकार थे. इनमें सबसे ज्यादा हैरान करने वाला नाम 2008 मुंबई अटैक के मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी जकीउर रहमान लखवी (zaki ur rehman lakhvi) का है. इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी जिनमें विदेशी नागरिक भी शामिल थे. एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) स्टार्टअप ने इस बात का खुलासा किया है.
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कई देशों के प्रतिबंध का सामना कर रहा लखवी
उल्लेखनीय है कि लखवी को ऑस्ट्रेलिया, ईयू, फ्रांस, इंटरपोल, रूस, स्विट्जरलैंड, अमेरिका और यूएन द्वारा या तो वांछित घोषित किया गया है या फिर प्रतिबंध लगाए गए हैं. पाकिस्तान की तरफ से हजारों लोगों को प्रतिबंधित सूची से हटाने की वजह जून में एफएटीएफ की होने जा रही बैठक है जिसने पाकिस्तान को ग्रे सूची में डाल रखा है. गौरतलब है कि पाकिस्तान भारत और दुनिया के अन्य कई हिस्सों में अपने आतंकवादियों को हमले के लिए भेजता रहा है. इस मामले में उसका पुराना इतिहास रहा है. इसी वजह से आतंकी फंडिंग के लिए वैश्विक निगरानी संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को ग्रे सूची में रखा है.
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जून में फिर एफएटीएफ करेगा पाकिस्तान का मूल्यांकन
आतंकी फंडिंग पर लगाम कसने के लिए पाकिस्तान के प्रयासों से असंतुष्ट होकर एफएटीएफ ने फरवरी में कहा था कि ग्रे लिस्ट से बाहर होने के लिए इस्लामाबाद ने 27 में से केवल 14 बिंदुओं का पालन किया. अब एफएटीएफ को जून में पाकिस्तान की प्रगति का फिर से मूल्यांकन करना है. न्यूयॉर्क स्थित स्टार्टअप 'कैस्टेलम' ने पाया है कि पिछले डेढ़ साल में बिना स्पष्टीकरण या अधिसूचना के पाकिस्तान ने 3,800 आतंकवादियों के नामों को अपनी निगरानी सूची से हटा दिया है. कैस्टेलम की रिपोर्ट में बताया गया है कि इमरान खान सरकार ने नौ मार्च के बाद से अपनी आतंकवादी निगरानी सूची (वॉचलिस्ट) से बिना किसी सार्वजनिक स्पष्टीकरण के लगभग 1,800 नामों को हटा दिया है.
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वॉच लिस्ट में आधे रह गए नाम
इस सूची से लश्कर-ए-तैयबा के सरगना और मुंबई हमलों के कथित मास्टरमाइंड जका उर-रहमान समेत कई बड़े आतंकियों के नाम हटाए गए हैं. एफएटीएफ की एक रिपोर्ट के अनुसार अक्टूबर 2018 में पाकिस्तान की आतंकवादी निगरानी सूची में लगभग 7,600 नाम थे. वहीं, 15 अप्रैल को पाकिस्तानी अखबार के एक लेख में यह बताया गया था कि सूची से नाम इसलिए हटाए गए हैं, क्योंकि उसमें 7000 से अधिक ऐसे कई नाम थे, जिसमें कई गलतियां थीं. उसमें बताया गया कि कई नाम ऐसे थे, जिनकी मौत हो गई थी या नाम में बड़ी गलतियां थीं. 18 महीने बाद इसकी संख्या घटकर 3800 रह गई है.
HIGHLIGHTS
- अक्टूबर 2018 में पाकिस्तान की आतंकवादी निगरानी सूची में लगभग 7,600 आतंकियों के नाम.
- 18 महीने बाद इसकी संख्या घटकर 3800 रह गई है. कई दुर्दांत आतंकियों को मिली छूट.
- अब एफएटीएफ को जून में पाकिस्तान की प्रगति का फिर से मूल्यांकन करना है.