पाकिस्तान चुनाव आयोग (ECP) ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख इमरान खान से चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन मामले में लिखित माफी की मांग की है। चुनाव आयोग ने पाकिस्तान के आगामी प्रधानमंत्री इमरान खान को 25 जुलाई को हुए चुनाव में एनए-53 इस्लामाबाद सीट पर सार्वजनिक रूप से वोट करने के कारण माफीनाम हस्ताक्षर कर देने को कहा है। मीडिया रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है।
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चुनाव आयोग ने इमरान खान के वकील द्वारा जमा किए गए जवाब को खारिज कर दिया क्योंकि उस पर इमरान खान का हस्ताक्षर नहीं था।
मुख्य चुनाव आयुक्त मुहम्मद रजा खान की अध्यक्षता वाली चार सदस्यों की एक बेंच ने इमरान खान को लिखित और हस्ताक्षर किया हुआ जवाब दाखिल करने को कहा है। चुनाव आयोग ने इमरान खान की सार्वजनिक रूप से मतपत्र पर मुहर लगाते हुए तस्वीर के सामने आने के बाद संज्ञान लिया था।
चुनाव आयोग के सामने इमरान खान के वकील बाबर अवान ने लिखित जवाब सौंपते हुए कहा था कि उन्होंने जानबूझकर सार्वजनिक रूप से मतपत्र पर मुहर नहीं लगाया था।
जवाब में कहा गया कि इमरान खान की मतपत्र पर मुहर लगाती तस्वीर उनकी मर्जी के बिना ले ली गई थी। वहां लगा पर्दा पोलिंग बूथ में मौजूद भीड़ के कारण गिर गया था। चुनाव आयोग ने इस मामले में इमरान खान को 30 जुलाई को नोटिस जारी किया था। जिसमें लिखित जवाब की मांग की गई थी।
बता दें कि चुनाव अधिनियम की धारा 185 के अनुसार, गुप्त तरीके से मतदान नहीं करने पर किसी व्यक्ति को 6 महीने जेल की सजा हो सकती है या 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है।
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पिछले महीने संपन्न हुए आम चुनाव में इमरान खान की पार्टी पीटीआई नेशनल असेंबली की 272 सीटों में 115 सीटें हासिल की थी और बहुमत से 22 सीटें दूर रह गई थी। इमरान 11 अगस्त को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं।
मई में अपनी सरकार का कार्यकाल पूरा कर चुकी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) को इस बार केवल 64 सीटों से संतोष करना पड़ा था, जबकि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) 43 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर रही थी।
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1992 में पाकिस्तान के क्रिकेट विश्व कप विजेता टीम के कप्तान रहे इमरान खान ने 1996 में अपनी पार्टी पीटीआई का गठन किया था और 1997 में पहला आम चुनाव लड़ा था।
इमरान खान की पार्टी ने पाकिस्तान में धीरे-धीरे अपनी जमीन तैयार की और 2013 के आम चुनावों में बिलावल भुट्टो जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) को पीछे कर दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी।
Source : News Nation Bureau