पाकिस्तान में बुधवार को मतदान के बाद वोटों की गिनती जारी है। अभी तक के रुझानों के मुताबिक पूर्व क्रिकेटर इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सबसे आगे चल रही है।
पीटीआई 103 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं जबकि रुझानों में नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएलएन पिछड़ती दिख रही है। नवाज शरीफ के भाई शहबाज शरीफ के नेतृत्व में चुनाव लड़ी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) 59 सीटों पर आगे चल रही है।
देर रात तक या फिर गुरुवार की सुबह तक साफ हो जाएगा कि इमरान खान पाकिस्तान के नए कप्तान बनेंगे या फिर जेल में बंद नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएलएन सत्ता में दोबारा वापसी करेगी। हालांकि कुछ चुनावी विश्लेषक चुनाव परिणाम के त्रिशंकु असेंबली होने की भी संभावना जता रहे हैं।
रुझानों में पीछे छूटने के बाद नवाज शरीफ की पार्टी ने वोटों की गिनती में धांधली के आरोप लगाए हैं वहीं दूसरी तरफ इमरान खान की पार्टी पीटीआई के कार्यकर्ता अभी से सड़कों पर जीत का जश्न मनाने में जुट गए हैं। पाकिस्तान में किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए नेशनल असेंबली में 137 सीटों की जरूरत होती है।
इससे पहले आज वोटिंग के दौरान अलग-अलग जगहों पर काफी हिंसा हुई और एक आत्मघाती धमाके में करीब 34 लोगों की जान चली गई। अधिकांश लोग बलूचिस्तान में हुए आत्मघाती हमले में मारे गए हैं।
जियो न्यूज के मुताबिक, इस हमले में मतदान केंद्र के पास उप महानिरीक्षक अब्दुल रज्जाक चीमा के काफिले को निशाना बनाया गया। हालांकि, हमले में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सुरक्षित बच गए, लेकिन कुछ पुलिसकर्मियों सहित 31 लोग मारे गए।
हालांकि, मतदान केंद्र आधिकारिक तौर पर सुबह आठ बजे खुले लेकिन उत्साही मतदाताओं को सुबह सात बजे से ही मतदान केंद्रों के बाहर कतार में खड़े देखा गया। मतदान केंद्र शाम छह बजे तक खुले हुए थे। पीएमएल-एन ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर समय में एक घंटे की बढ़ोतरी करने की मांग की थी।
पत्र के अनुसार, 'पीएमएल-एन चुनाव अधिनियम 2017 की धारा 70 के अंतर्गत यह मांग करती है, जिसमें मुख्य चुनाव आयुक्त(ईसीपी) को पहले से तय चुनाव के समय को एक घंटे बढ़ाने का अधिकार है।' ईसीपी ने हालांकि इस अनुरोध को ठुकरा दिया।
आम चुनाव में राष्ट्रीय और प्रांतीय असेंबली की कुल 849 सीटों के लिए 12,570 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। करीब 10.6 करोड़ लोग मतदान करने के योग्य हैं।
मुख्य मुकाबला शाहबाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन), बिलावल भुट्टो जरादारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के बीच है।
कौन-कौन है प्रधानमंत्री की रेस में
इस बार आम चुनाव में शाहबाज शरीफ (पीएमएल-एन), इमरान खान (पीटीआई) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के बिलावल अली भुट्टो प्रधानमंत्री के रेस में हैं।
इन तीनों नेताओं की बात करें तो शाहबाज शरीफ को नवाज शरीफ के मुकाबले देश की आवाम कितनी पसंद करेगी इस पर संशय बनी हुई है। अदालत द्वारा नवाज को अयोग्य करार दिए जाने के बाद शाहिद खाकान अब्बासी को देश का नया प्रधानमंत्री बनाया गया था। पीएमएल-एन को हालांकि नवाज के जेल जाने का 'राजनीतिक फायदा' मिल सकता है क्योंकि देश में नवाज़ शरीफ़ को लेकर कुछ लोगों में सहानुभूति की लहर है।
वहीं दूसरी तरफ एक और नेता है जो पाकिस्तान के एक बड़े राजनीतिक घराने से है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के बिलावल अली भुट्टो पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं ऐसे में वह कितना प्रभाव छोड़ने में कामयाब होंगे यह तो चुनाव के नतीजे ही बताएंगे।
राजनीतिक मैदान पर अपनी पारी का आगाज 1997 में कर चुके पूर्व क्रिकेटर और पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान इस बार भी चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इमरान की पार्टी ने 2013 के आम चुनाव में पख्तूनख्वा प्रांत में बेहतरीन प्रदर्शन कर सबको चौंका दिया था। पख्तूनख्वा प्रांत में उनकी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी।
सर्वे में इमरान पहली पसंद
पाकिस्तान के 'डॉन न्यूज' ने चुनाव से पहले हाल में ही एक सर्वे कराया था जिसके मुताबिक इमरान खान का प्रधानमंत्री बनने का सपना इस बार सच हो सकता है। सर्वेक्षण के मुताबिक 2013 चुनाव में जिन लोगों ने इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ को वोट दिया था, उनमें से 83.07 मानना है कि इस बार पीटीआई जीतेगी। इमरान खान खुद पांच सीट कराची, लाहौर, रावलपिंडी, बन्नू और मियांवाली से चुनाव लड़ रहे हैं।
कई कट्टरपंथी इस्लामी और धार्मिक संगठनों ने लिया चुनाव में हिस्सा
इस बार चुनाव में कई आतंकी, कट्टरपंथी इस्लामी और धार्मिक संगठन भी आम चुनाव में काफी सक्रिय रहे हैं। इसमें वह उम्मीदवार भी चुनावी मैदान में हैं जिनकी राजनीतिक पार्टी कानूनी तौर पर प्रतिबंधित है। इसमें सबसे आगे 2008 के मुंबई आतंकी हमलों का साजिशकर्ता हाफिज सईद की पार्टी मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) है, उसके बाद तहरीक ए लब्बैएक पाकिस्तान, अहल-ए- सुन्नत वाल जमात, मुत्ताहिदा मजलिस-ए-अमल पार्टियां शामिल हैं।
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इस बार का चुनाव सबसे मंहगा
इस बार पाकिस्तान में होने वाले आम चुनाव खर्च को लेकर भी चर्चा में है। पाकिस्तान में इस बार का चुनाव सबसे महंगा चुनाव है। समाचार पत्र डॉन के मुताबिक पाकिस्तान में इस बार पूरी चुनावी प्रक्रिया में तकरीबन 2,364 करोड़ रुपए (440 बिलियन पाक रुपए) खर्च होने का अनुमान है, जो 2013 के आम चुनावों से 10 फीसदी ज्यादा है।
13 ट्रांसजेंडर भी चुनाव मैदान में
खबरों की माने तो पाकिस्तान में ट्रांसजेंडरों की संख्या कम से कम पांच लाख है। 25 जुलाई को होने वाले इस चुनाव में ट्रांसजेंडर समुदाय के 13 सदस्य भी चुनाव लड़ रहे हैं। पाकिस्तान में इस वर्ष होने वाले आम चुनाव में पहली बार कम से कम 13 ट्रांसजेंडर लड़ रहे हैं।
देशभर में मतदान केंद्रों पर कानून और व्यवस्था बनाए रखने और किसी प्रकार के उत्पीड़न के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए चार लाख से अधिक सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई थी।
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Source : News Nation Bureau