जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए हटाए जाने के बाद बौखलाए पाकिस्तान की हालत "खिसियानी बिल्ली खम्भा नोचे" जैसी हो गई है. इधर-उधर फोन करने के बाद भी उसे अपने ही मित्र देशों से भी समर्थन मिलता नहीं दिख रहा है. सऊदी अरब, यूएई और मलेशिया जैसे देशों ने भी उसका साथ नहीं दिया है. यहां तक कि तुर्की ने भी अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है. मारा-मारा फिर रहा पाकिस्तान कुछ आत्मघाती कदम उठाने के बाद अब अपने आका चीन की ओर आस भरी नजरों से देख रहा है. चीन से समर्थन पाने की आस में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी चीन के लिए निकल गए हैं.
शाह महमूद कुरैशी बीजिंग में चीन के विदेश मंत्री वाय यी से मिलेंगे. हालांकि चीन ने भारत के फैसले पर अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है. हालांकि उसने लद्दाख को यूनियन टेरटरी बनाने के फैसले पर ऐतराज जताया था, लेकिन भारत ने दो टूक कह दिया था कि ये भारत का अंदरूनी मामला है. भारत किसी भी राष्ट्र के अंदरूनी मामलों में दखल नहीं देता है, ऐसे में दूसरे देश भी उसके मामलों से दूर रहें.
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कुरैशी बीजिंग में चीन के विदेश मंत्री के अलावा दूसरे दूसरे नेताओं से भी मिलेंगे. बता दें कि चीन हमेशा से ही पाकिस्तान का पक्ष लेता रहा है. चाहे वह मौलाना मसूद का मामला हो या आतंकवाद को पोषित करने का.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो