पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बुधवार को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय द्वारा उन्हें संसद से जीवन भर अयोग्य ठहराए जाने के निर्णय को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी। उन्हें संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) का वर्क परमिट रखने के कारण अदालत ने अयोग्य ठहराया है।
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, आसिफ ने अपनी पुनर्विचार याचिका में कहा कि वह 'अनजाने' में अपने नामांकन पत्र में विदेश में काम करने के परमिट का उल्लेख करने से चूक गए थे। उन्होंने सर्वोच्च न्यायायल से इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को निरस्त करने की मांग की है।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेता उस्मान डार की याचिका पर आसिफ को संसद सदस्यता के लिए आजीवन अयोग्य घोषित किया गया है। डार ने याचिका में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेता आसिफ पर अपने नामांकन पत्र में यूएई की एक कंपनी में अपने रोजगार और मासिक वेतन की जानकारी नहीं देने का आरोप लगाया था।
और पढ़ें: भारत-चीन सीमा पर शांति की पहल, दोनों देशों की सेना ने की बॉर्डर पर्सनल मीटिंग
आसिफ ने मंगलवार को सियालकोट में पार्टी की एक रैली को संबोधित करते हुए इस फैसले को चुनौती देने की घोषणा की थी।
उन्होंने कहा, 'अगर मैं चुनाव नहीं लड़ सकूंगा तो कोई और मेरे स्थान पर चुनाव लड़ेगा। राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में कार्य करने से मुझे कोई भी शक्ति रोक नहीं सकती। मैं 28 वर्षो से लोगों की सेवा कर रहा हूं।'
इस्लामाबाद उच्च न्यायालय की तीन सदस्यीय पीठ ने 27 अप्रैल को अपने फैसले में कहा था कि आसिफ संविधान के अनुसार 'बेईमान' साबित हुए, क्योंकि उन्होंने अपनी संपत्ति या आय के स्रोत का खुलासा नहीं करके एक सार्वजनिक पद धारण करने के लिए संविधान की जरूरतों को पूरा नहीं किया।
न्यायालय ने यह भी कहा था कि वह 2013 आम चुनाव में भी चुनाव लड़ने योग्य नहीं थे।
यह भी पढ़ें: रोहिंग्या संकट के समाधान के लिए शेख हसीना ने चीन, रूस, भारत और जापान से मदद मांगी
Source : IANS