logo-image
लोकसभा चुनाव

Pakistan: पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को मिली राहत, तोशाखाना मामले में अदालत ने दी जमानत; पर अब भी जेल में रहेंगे

पाकिस्तान की एक अदालत ने इमरान खान को तोशाखाना मामले में रिहा कर दिया है. उन्होंने शाह महमूद कुरैशी सहित आठ लोगों को जमानत दी है.

Updated on: 03 Jul 2024, 06:23 PM

इस्लामाबाद:

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को लंबे समय बाद राहत मिली है. तोशाखाना मामले में अदालत ने खान के साथ-साथ कुल आठ लोगों को बड़ी राहत दी है. पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सुनवाई के दौरान बुधवार को अदालत ने इमरान खान और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी सहित आठ लोगों को जमानत दी है. हालांकि, इमरान खान बरी होने के बाद भी जेल में ही रहेंगे. आम चुनाव से पहले उन्हें 3 मामलों में 31 साल की सजा सुनाई गई थी. बता दें, एक दिन पहले खान की पत्नी बुशरा बीवी को भी भ्रष्टाचार के एक मामले में जमानत मिली थी. 

तोशाखाना मामले के चलते पांच साल चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध
जानकारी के अनुसार, पूर्व प्रधानमंत्री इमारन खान को 5 अगस्त 2023 को तोशाखाना मामले में 3 साल का कारावास सुनाया गया था. इस्लामाबाद की एक अदालत ने पांच साल तक खान के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया था. अदालत के आदेश के बाद उन्हें लाहौर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. वे लाहौर उच्च सुरक्षा वाली अदियाला जेल में बंद हैं.  

यह भी पढ़ें- UK Election: पहली बार वोटिंग के लिए अप्रवासी भी उत्साहित, सुनक की रवांडा नीति से कंजर्वेटिव को फायदा होगा या नुकसान?

क्या है तोशाखाना मामला
पिछले साल तत्कालीन सत्ताधारी पार्टी पीडीएम ने चुनाव आयोग के समक्ष तोशाखाना मामला उठाया था. उन्होंने कहा कि इमरान ने अपने कार्यकाल में अन्य देशों से मिले तमाम भेटों को बेच दिया है. इमरान ने आयोग को जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने भेटों को 2.15 करोड़ में खरीदा था और उन्हें 5.8 करोड़ रुपये में बेचा था. मामले में कुछ समय बाद सामने आया कि रकम 20 करोड़ से अधिक थी. इसके अलावा, तीन साल पहले अबरार खालिद नाम के व्यक्ति ने एक अर्जी दायर की और कहा कि उन्हें दूसरे देशों से मिले भेटों की जानकारी चाहिए. सरकार ने मना कर दिया तो खालिद ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में याचिका डाल दी. हाईकोर्ट ने जानकारी ने देने पर पूछा तो खान के वकील ने काह कि दूसरे देशों ने क्या गिफ्ट्स दिए हैं, यह बताने से दूसरे देशों से रिश्ते खराब हो सकते हैं. मुल्क की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जानकारी देने से मना किया गया है.