आतंकवादी हमलों, सैकड़ों गिरफ्तारियों और सेना के हस्तक्षेप के आरोपों के बीच पाकिस्तानी जनता नई सरकार और प्रांतीय विधानसभाओं को चुनने के लिए बुधवार को मतदान करेगी।
इस समय भ्रष्टाचार के आरोपो में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के अपनी बेटी और दामाद के साथ जेल में बंद हैं। मुख्य मुकाबला शरीफ की हतोत्साहित पार्टी 'पाकिस्तान मुस्लिम लीग - नवाज' (पीएमएल-एन) और क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान की 'पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ' के बीच है। इमरान के विरोधियों के अनुसार उनकी पार्टी को सेना और 'इंटर-सर्विसिस इंटेलिजेंस' (आईएसआई) का समर्थन प्राप्त है।
इनके अलावा आसिफ अली जरदारी और बिलावल भुट्टो की 'पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी' (पीपीपी) और मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का बेटा हाफिज तल्हा और दामाद खालिद वलीद भी मैदान में हैं। यें दोनों उन 260 उम्मीदवारों में शामिल हैं, जिन्होंने 2011 में पंजीकृत हुई 'अल्लाह-ओ-अकबर तहरीक' के उम्मीदवार के रूप में नामांकन किए हैं।
लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार का कार्यकाल 31 मई को पूरा हो गया, लेकिन तबतक पाकिस्तान में उथल-पुथल थी, जिसमें चुनाव में आगे माने जाने वाले इमरान खान ने नवाज शरीफ पर लगातार हमले शुरू कर दिए। नवाज शरीफ को भ्रष्टाचार के मामले में अदालत ने प्रधानमंत्री के पद से हटा दिया।
मतदान बुधवार सुबह आठ बजे से शाम छह बजे तक होगा। आम चुनाव में 272 सीटों के लिए लगभग 100 राजनीतिक दलों के 3,459 उम्मीदवार मैदान में हैं।
अन्य 60 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं, जबकि 10 फीसदी सीटें हिंदुओं सहित अन्य धार्मिक अल्पसंख्यों के लिए आरक्षित हैं।
चुनाव के दिन लगभग 16 लाख कर्मी ड्यूटी पर रहेंगे। लगभग पांच लाख पुलिसकर्मी तैनात होंगे, जिनमें 2,02,100 पंजाब और इस्लामाबाद में तथा 1,00,500 पुलिसकर्मी सिंध में तैनात होंगे।
अदियाला जेल में बंद शरीफ ने एक ऑडियो संदेश में कहा, 'इस आंदोलन को सफल बनाने और पाकिस्तान में न्याय को दफन करने वाली सभी राजनीतिक पार्टियों का सफाया करने का समय आ गया है।'
पीएमएल-एन अध्यक्ष और शरीफ के छोटे भाई शहबाज शरीफ ने सोमवार को जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी जीतेगी।
निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी के अनुसार, सिंध में 5,878, पंजाब और इस्लामाबाद में 5,487, खैबर पख्तूनख्वा में 3,874 और संघशासित जनजातीय संघ (एफएटीए) तथा बलूचिस्तान में 1,768 मतदान केंद्रों को अति संवेदनशील घोषित किया गया है। अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रों का आधिकारिक अर्थ है कि वहां हिंसा होने की आशंका सर्वाधिक है।
सबसे मंहगा होगा इस बार का चुनाव
इस बार पाकिस्तान में होने वाले आम चुनाव खर्च को लेकर भी चर्चा में है। पाकिस्तान में इस बार का चुनाव सबसे महंगा चुनाव है। समाचार पत्र डॉन के मुताबिक पाकिस्तान में इस बार पूरी चुनावी प्रक्रिया में तकरीबन 2,364 करोड़ रुपए (440 बिलियन पाक रुपए) खर्च होने का अनुमान लगाया जा रहा है, जो 2013 के आम चुनावों से 10 फीसदी ज्यादा है।
कौन है प्रधानमंत्री के रेस में
इस बार आम चुनाव में शाहबाज शरीफ (पीएमएल-एन), इमरान खान (पीटीआई) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के बिलावल अली भुट्टो प्रधानमंत्री के रेस में हैं।
इन तीनों नेताओं की बात करें तो शाहबाज शरीफ को नवाज शरीफ के मुकाबले देश की आवाम कितनी पसंद करेगी इस पर संशय बनी हुई है। अदालत द्वारा नवाज को अयोग्य करार दिए जाने के बाद शाहिद खाकान अब्बासी को देश का नया प्रधानमंत्री बनाया गया था। पीएमएल-एन को हालांकि नवाज के जेल जाने का 'राजनीतिक फायदा' मिल सकता है क्योंकि देश में नवाज़ शरीफ़ को लेकर कुछ लोगों में सहानुभूति की लहर है।
वहीं दूसरी तरफ एक और नेता है जो पाकिस्तान के एक बड़े राजनीतिक घराने से है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के बिलावल अली भुट्टो पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं ऐसे में वह कितना प्रभाव छोड़ने में कामयाब होंगे यह तो चुनाव के नतीजे ही बताएंगे।
राजनीतिक मैदान पर अपनी पारी का आगाज 1997 में कर चुके पूर्व क्रिकेटर और पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान इस बार भी चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इमरान की पार्टी ने 2013 के आम चुनाव में पख्तूनख्वा प्रांत में बेहतरीन प्रदर्शन कर सबको चौंका दिया था। पख्तूनख्वा प्रांत में उनकी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी।
सर्वे में इमरान पहली पसंद
पाकिस्तान के 'डॉन न्यूज' ने हाल में ही एक सर्वे कराया जिसके मुताबिक इमरान खान का प्रधानमंत्री बनने का सपना इस बार सच हो सकता है। सर्वेक्षण के मुताबिक 2013 चुनाव में जिन लोगों ने इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ को वोट दिया था, उनमें से 83.07 मानना है कि इस बार पीटीआई जीतेगी। इमरान खान खुद पांच सीट कराची, लाहौर, रावलपिंडी, बन्नू और मियांवाली से चुनाव लड़ रहे हैं।
और पढ़ें: बालिका गृह यौन शोषण मामले में बिहार सरकार के आग्रह पर CBI जांच: राजनाथ
कई कट्टरपंथी इस्लामी और धार्मिक संगठन ले रहे हैं हिस्सा
इस बार चुनाव में कई आतंकी, कट्टरपंथी इस्लामी और धार्मिक संगठन भी आम चुनाव में काफी सक्रिय हैं। इसमें वह उम्मीदवार भी चुनावी मैदान में हैं जिनकी राजनीतिक पार्टी कानूनी तौर पर प्रतिबंधित है। इसमें सबसे आगे 2008 के मुंबई आतंकी हमलों का साजिशकर्ता हाफिज सईद की पार्टी मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) है, उसके बाद तहरीक ए लब्बैएक पाकिस्तान, अहल-ए- सुन्नत वाल जमात, मुत्ताहिदा मजलिस-ए-अमल पार्टियां शामिल हैं।
13 ट्रांसजेंडर लड़ रहे हैं चुनाव
खबरों की माने तो पाकिस्तान में ट्रांसजेंडरों की संख्या कम से कम पांच लाख है। 25 जुलाई को होने वाले इस चुनाव में ट्रांसजेंडर समुदाय के 13 सदस्य भी चुनाव लड़ रहे हैं। पाकिस्तान में इस वर्ष होने वाले आम चुनाव में पहली बार कम से कम 13 ट्रांसजेंडर लड़ रहे हैं।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) सरदार राजा खान ने जनता से मतदान करने की अपील की है। उन्होंने स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान की वादा किया।
और पढ़ें: मॉब लिंचिंग पर बोले राजनाथ सिंह, जरूरत पड़ी तो सरकार लाएगी ठोस कानून
Source : News Nation Bureau