पाकिस्तान (Pakistan)में चीन (China) के राजदूत याओ जिंग ने घोषणा की कि बीजिंग ने इस्लामाबाद की विकास परियोजनाओं में एक अरब डॉलर निवेश की योजना बनाई है. एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने यह घोषणा इस्लामाबाद वुमेन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (आईडब्ल्यूसीसीआई) में शनिवार को अपने संबोधन के दौरान की.
इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि चीन (China) -पाकिस्तान (Pakistan)इकॉनोमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) के तहत विकास परियोजनाओं की गति संतोषजनक है और चीन (China) -पाकिस्तान (Pakistan) मुक्त व्यापार समझौता (सीपीएफटीए) के दूसरे चरण को अक्टूबर में अंतिम रूप दे दिया जाएगा, जिसके बाद 90 फीसदी पाकिस्तानी निर्यात पर ड्यूटी नहीं लगेगी. इस निर्यात में कृषि उत्पाद व सी फूड शामिल हैं.
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याओ ने कहा, "बाजार पहुंच से पाकिस्तान (Pakistan)का निर्यात 50 करोड़ डॉलर हो जाएगा, जिससे द्विपक्षीय व्यापार में असमानता कम होगी." राजदूत ने कहा कि चीन (China) की महिला कारोबारियों को पांचवें इस्लामाबाद एक्स्पो में भागीदारी के लिए आमंत्रित किया जाएगा. एक्स्पो नवंबर में निर्धारित है. इसका मकसद बाजार बढ़ाना व नेटवर्क को विस्तार देना है. उन्होंने कहा, "इसके अलावा पाकिस्तान (Pakistan)की महिला उद्यमियों को एक्स्पो में भाग लेने और व्यापार के अवसरों को विस्तार देने के लिए चीन (China) भेजा जाएगा."
चीन-पाकिस्तान रणनीतिक साझेदारी का बड़ा महत्व
चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने इस्लामाबाद में पाकिस्तान के विदेश मंत्री महमूद हुसैन कुरैशी के साथ मुलाकात की. वांग यी ने कहा कि चीन और पाकिस्तान के बीच मित्रता मजबूत है. वर्तमान जटिल अंतर्राष्ट्रीय स्थिति में चीन-पाकिस्तान सभी हालातों के अनुरूप रणनीतिक साझेदारी का और बड़ा महत्व है. वांग यी ने कहा कि चीन पहले की ही तरह राष्ट्रीय प्रभुसत्ता और प्रादेशिक अखंडता की रक्षा करने, देश में स्थिरता बनाए रखने, आर्थिक विकास बढ़ाने और क्षेत्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मामलों में और बड़ी रचनात्मक भूमिका निभाने में पाकिस्तान का दृढ़ समर्थन करता है.
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महमूद हुसैन कुरैशी ने नए चीन की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ की बधाई दी. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पाकिस्तान-चीन आर्थिक गलियारे के निर्माण का पूरा समर्थन करता है और इससे उत्पन्न लाभ की प्रशंसा करता है. पाकिस्तान दक्षिण एशिया की शांति और स्थिरता बनाए रखने में चीन की रचनात्मक भूमिका का स्वागत करता है और क्षेत्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मामलों में चीन के साथ सहयोग मजबूत करना चाहता है.