पाकिस्तान के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने विवादित फिल्म 'जिंदगी तमाशा' की रिलीज स्थगित कर दी है. मंत्रालय ने धार्मिक भावनाओं के आहत होने से हिंसा उत्पन्न होने की आशंका के चलते यह कदम उठाया है. यह फिल्म 24 जनवरी को रिलीज होने वाली थी. डॉन न्यूज के अनुसार, तहरीक-ए-लब्बैक (टीएलपी) द्वारा फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन की धमकी देने के बाद पंजाब प्रांत एवं सिंध प्रांत की सरकार ने अपने-अपने प्रांतों में फिल्म की रिलीज पर रोक लगा दी है. टीएलपी ने फिल्म पर ईश निंदा का आरोप लगाया है.
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फिल्म की रिलीज पर रोक संबंधित अधिसूचना जारी किए जाने के कुछ ही घंटों बाद टीएलपी के प्रकाशन विभाग की तरफ से जारी एक बयान में बुधवार को फिल्म के खिलाफ प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन को भी स्थगित कर दिया गया. फिल्म की कहानी निर्मल बानो ने लिखी है और इसके निर्देशक सरमत खूसट हैं. सूचना एवं प्रसारण पर प्रधानमंत्री की विशेष सलाहकार डॉ. फिरदौस आशिक अवान ने ट्वीट किया, "केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने फिल्म निर्माताओं को फिल्म रिलीज नहीं करने का निर्देश दिया है और मामले पर विचार के लिए काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडियोलॉजी से संपर्क करने का निर्णय लिया गया है."
सिंध बोर्ड ऑफ फिल्म सेंसर्स (एसबीएफसी) ने सभी सिनेमा प्रदर्शकों और वितरकों को फिल्म के संबंध में अगला आदेश आने तक इसका प्रदर्शन नहीं करने के लिए कहा है. एसबीएफसी ने अधिसूचना में कहा है, "फिल्म अगर सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए रिलीज होती है तो समाज में धार्मिक अस्थिरता पैदा हो सकती है और माहौल बिगड़ सकता है, जो देश की शांतिपूर्ण स्थिति के लिए हानिकारक हो सकती है."
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पंजाब सरकार के सूचना विभाग ने भी खूसट को सूचित कर दिया है कि फिल्म के संबंध में मिलने वाली विभिन्न शिकायतों को देखते हुए फिल्म की दोबारा समीक्षा की जाएगी. खूसट को इसके लिए तीन फरवरी को किसी भी सिनेमाघर में अपराह्न तीन बजे एक विशेष शो आयोजित करवाने के लिए कहा गया है, जहां इसकी पुनर्समीक्षा की जा सके. इसके पहले फिल्म की रिलीज में दखल देने के खिलाफ निर्माताओं की ओर से लाहौर सिविल कोर्ट में दायर याचिका पर अदालत ने मंगलवार को सेंसर बोर्ड्स तथा टीएलपी से जवाब मांगा है.
खूसट फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक इरफान अली खूसट ने अपनी फिल्म 'जिंदगी तमाशा' की सार्वजनिक स्क्रीनिंग और रिलीज में बाधा उत्पन्न करने के लिए टीएलपी के खिलाफ लाहौर सिविल कोर्ट में याचिका दायर की है. इरफान ने अपनी याचिका में कोर्ट से आग्रह किया है कि बचाव पक्ष (टीएलपी) को पूरे पाकिस्तान में उनकी फिल्म की रिलीज को 'अवैध और गैर कानूनी रूप से बाधित करने से स्थाई रूप से रोका जाए.'
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याचिका में कहा गया है कि 'जिंदगी तमाशा' के जरिए खूसट फिल्म्स का उद्देश्य व्यापक स्तर लोगों के भीतर हमारे समाज की एक प्यारी छवि बनाना, देश के लोगों के दिमाग से तनाव कम करना और समाज में सकारात्मकता फैलाना है. याचिका में कहा गया है, "बचाव पक्ष (टीएलपी), जिसका उपरोक्त फिल्म से कोई लेना-देना नहीं है, बिना किसी वैध कारण के उपरोक्त फिल्म की देशभर के सिनेमाघरों में स्क्रीनिंग और रिलीजिंग में दखल देने का प्रयास कर रहा है."
Source : IANS