पाकिस्तान में कुछ भी अच्छा नहीं चल रहा है. प्रधानमंत्री इमरान खान की कुर्सी खतरे में है. विपक्षी दबाव बना रहे हैं और राजधानी की तरफ मार्च कर रहे हैं, तो अब इमरान के मंत्री भी उनका साथ छोड़ कर भाग रहे हैं. इमरान खान की सरकार को अहम मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं. तो अब उनकी सरकार में अहम किरदार निभा रहे विदेशी मंत्री शाम महमूद कुरैशी भी इमरान खान का साथ छोड़ने वाले हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इमरान के दो मंत्रियों, बलूचिस्तान में सुलह और सद्भाव पर प्रधानमंत्री के विशेष सहयोगी शाहजैन बुग्ती और पीटीआई से नेशनल असेंबली मेंबर डॉक्टर आमिर लियाकत ने इस्तीफे दे दिये हैं तो अब विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी आज इस्तीफा दे सकते हैं.
विदेशी ताकतों पर लगाया सरकार को अस्थिर करने का आरोप
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने यहां रविवार को एक विशाल रैली को संबोधित किया जिसमें उन्होंने दावा किया कि उनकी गठबंधन सरकार गिराने की ‘साजिश’ में विदेशी ताकतों का हाथ है. खान ने अपनी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की रैली को इस्लामाबाद के परेड ग्राउंड में संबोधित करते हुए कहा कि देश की विदेश नीति तय करने के लिए विदेशी तत्व स्थानीय राजनेताओं का इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनके दावों की पुष्टि करने वाला एक पत्र सबूत के तौर पर उनके पास है.
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हम राष्ट्रीय हितों से समझौता नहीं करेंगे: खान
डेढ़ घंटे से भी अधिक लंबे अपने भाषण में खान ने कहा, 'पाकिस्तान में सरकार बदलने के लिए विदेशी धन के जरिये कोशिश की जा रही है. हमारे लोगों का इस्तेमाल किया जा रहा है. ज्यादातर लोग इससे अनजान हैं लेकिन कुछ लोग हमारे खिलाफ इस धन का इस्तेमाल कर रहे हैं.' उन्होंने कहा, 'हम जानते हैं कि हम पर दबाव बनने के लिए क्या कोशिश की जा रही है. हमें लिखित में धमकी दी गई है लेकिन हम राष्ट्रीय हितों से समझौता नहीं करेंगे.' खान ने कहा, 'मेरे पास जो पत्र है वह सबूत है और मैं इस पत्र पर संदेह करने वाले किसी भी व्यक्ति को इसे झूठा साबित करने की चुनौती देता हूं. हमें यह फैसला करना होगा कि कब तक हम इस तरह से जीएंगे. हमें धमकियां मिल रही हैं. विदेशी साजिश के बारे में कई चीजें हैं जो बहुत जल्द साझा की जाएंगी.. 'डॉन' अखबार ने प्रधानमंत्री खान को उद्धृत करते हुए कहा कि गरीब देश पिछड़े हुए हैं क्योंकि सफेदपोश अपराध करने में संलिप्त अमीर लोगों को कानून वहां पकड़ने में नाकाम रहा है. वे लोग चोरी के और लूटे गये धन को विदेशी बैंकों में भेज देते हैं. कुछ चोर देश को उस तरह नष्ट नहीं करते, जैसे कि बड़े चोर करते हैं.'
इस्लामाबाद में रैली कर रहे इमरान खान, अपने छोड़ते जा रहे साथ
पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान अविश्वास प्रस्ताव ही नहीं, बल्कि अपने नेताओं की बगावत का सामना भी कर रहे हैं. खबर है कि प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले खान के दो कैबिनेट मंत्रियों ने और इस्तीफा दे दिया है. दोनों बड़े नामों ने इस्लामाबाद में खान की विशाल रैली से पहले इस्तीफे की घोषणा की. खान की सरकार के खिलाफ खड़े होने वाले बुग्ती पीटीआई के सहयोगी दल जम्हूरी वतन पार्टी से थे. वहीं, टीवी एंकर लियाकत पहले ही 'निकट भविष्य' में पीटीआई से दूरी बनाने का ऐलान कर चुके थे.
क्या हैं पाकिस्तान की सियासत के हाल
मुल्क में विपक्षी दलों ने 8 मार्च को पीएम खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दाखिल किया था. विपक्ष ने यह कहते हुए प्रस्ताव दाखिल किया था कि पीएम खान ने संसद में बहुमत खो दिया है. उनका कहना था कि खान को सत्ता में बने रहने के लिए 342 सीटों में से 172 के समर्थन की जरूरत है और उनकी पार्टी के 20 सांसद पहले ही दल बदल चुके हैं. पीएम के विरोधी लगातार पद त्यागने की मांग कर रहे हैं. इधर, खान पहले ही कह चुके हैं, 'कुछ भी हो जाए, मैं इस्तीफा नहीं दूंगा.' खास बात है कि अगर खान के कुछ सहयोगी दल पाला बदल लेते हैं, तो गठबंधन वाली सरकार गिर सकती है.
HIGHLIGHTS
- इमरान खान पर चौतरफा बढ़ रहा दबाव
- सहयोगी भी छोड़ते जा रहे हैं साथ
- अब विदेश मंत्री दे सकते हैं इस्तीफा