पर्दे के पीछे चल रही कूटनीति के तहत पुलवामा आतंकी (Pulwama Attack) हमले के बाद विदेशी सरजमीं पर संभवतः पहली बार भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्री आमने-सामने होंगे. इसका सबब बनेगा मध्य एशियाई देश ताजिकिस्तान (Tajikistan) में मंगलवार को आयोजित होने जा रहा ‘हार्ट ऑफ एशिया’ सम्मेलन. इसमें 15 देशों के विदेश मंत्री शामिल होंगे. इस मौके पर भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्री भी दुशांबे में हैं और आज के बदले माहौल में एक ही कमरे में आमने-सामने होंगे. हालांकि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Shah Mahmood Qureshi) ने कहा है कि भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) से मुलाकात के लिए अभी तक कोई बैठक न तय है और न ही इसका कोई प्रस्ताव दिया गया है.
अचानक मुलाकात संभव
हालांकि पाकिस्तान के विदेश मंत्री इसके पहले भी भारत के संदर्भ में गोल-मोल बयान देते आए हैं. गौरतलब है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और पाकिस्तान सेना के प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के सकारात्मक बयानों के बाद दोनों देशों के विदेश मंत्री एक ही बैठेक में शामिल होंगे. हालांकि दोनों विदेश मंत्रियों की द्विपक्षीय मुलाकात तय नहीं है, लेकिन अचानक की मुलाकात से इंकार नहीं किया जा रहा. याद दिला दें कि सीमा पर युद्धविराम की बहाली और भारत-पाक सिंधु जल आयोग की दिल्ली में बैठक के बाद यह बैठक होने जा रही है, जहां भारत-पाक विदेश मंत्री मौजूद रहेंगे.
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शाह ने कहा अभी कार्यक्रम तय नहीं
हालांकि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में मंगलवार को होने वाले ‘हार्ट ऑफ एशिया’ सम्मेलन में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात के लिए अभी तक कोई बैठक न तय है और न ही इसका कोई प्रस्ताव दिया गया है. मीडिया में प्रकाशित एक खबर में यह जानकारी सामने आई. सम्मेलन में दोनों मंत्रियों के शामिल होने की खबर से उनकी मुलाकात की अटकलें लगाई जा रही हैं. कुरैशी ने रविवार को डॉन अखबार से कहा कि उनके और जयशंकर के बीच कोई बैठक न तय है न ऐसा कोई प्रस्ताव दिया गया है.
पहले भी दिया था गोल-मोल जवाब
भारत और पाकिस्तान द्वारा पर्दे के पीछे से राजनयिक संबंधों की पूर्ण बहाली के प्रयास के बारे में मीडिया में आई खबरों पर पूछे गए सवाल के जवाब में कुरैशी ने कहा, 'अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है.' जयशंकर ने सम्मेलन में कुरैशी से मुलाकात करने के बारे में भी पिछले सप्ताह पूछे गए सवालों का सीधे तौर पर जवाब नहीं दिया था. उन्होंने 26 मार्च को नयी दिल्ली में आयोजित ‘इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव’ में कहा था, 'मेरा कार्यक्रम बन रहा है. मुझे नहीं लगता कि अभी तक ऐसी किसी बैठक की योजना बनी है.' भारत के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा था कि जयशंकर सम्मेलन में भाग लेने के दौरान अन्य देशों के नेताओं से बातचीत कर सकते हैं.
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भारत दे चुका है पाक को करारा जवाब
23 मार्च को पीएम मोदी ने पाकिस्तान दिवस पर पाक पीएम को बधाई पत्र भेजा था, वहीं पाक पीएम के कोरोना पॉज़िटिव पाए जाने पर पीएम मोदी ने ट्वीट कर उनके जल्द स्वास्थ्य होने की कामना की थी. इसके पहले सितंबर 2018 में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज नेपाल में चल रहे सार्क सम्मेलन से अपना भाषण खत्म करने के बाद चली गयी थीं. उन्होंने पाकिस्तान के विदेश मंत्री क़ुरैशी के भाषण का इंतजार नहीं किया था. सितंबर 2019 में भी न्यूयॉर्क में पाक विदेश मंत्री ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के भाषण का बहिष्कार किया था. हालांकि सितंबर 2020 में दोनों देशों के विदेश मंत्री मास्को में एससीओ बैठक में आमने सामने थे, लेकिन इस बदले माहौल में इस बैठक को सकारात्मक तौर पर देखा जा रहा है.
HIGHLIGHTS
- ताजिकिस्तान में आज हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन
- राजधानी दुशांबे में जुटेंगे 15 देशों के विदेश मंत्री
- यही आमने-सामने होंगे भारत-पाक के विदेश मंत्री